मणिमहेश यात्रा के दौरान गौरीकुंड पड़ाव से श्रद्धालु गंगाजल लेकर नहीं जाते हैं। मान्यता है कि गौरीकुंड के पास से जब कोई गंगाजल लेकर गुजरता है तो कुंड के पानी में उबाल आने लगता है।
मणिमहेश यात्रा: भगवान शंकर को पाने के लिए मां गौरा ने यहीं किया था तप, गंगाजल के साथ जुड़ी है ये मान्यता
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