प्रदेश में भारी वर्षा से तबाही का सिलसिला थम नहीं रहा है। शनिवार को शिमला जिले के रोहड़ू में बादल फटने से आई बाढ़ में दादा-दादी व पोता बह गए। रोहड़ू की डिस्वाणी पंचायत के ऊपरी क्षेत्र में शनिवार तड़के तीन बजे बादल फट गया।
लैला नाला में बाढ़ आने से साथ लगते क्षेत्र जगोठी गांव निवासी एवं यहां ढाबा चलाने वाले रोशन लाल, उनकी पत्नी भागा देवी व उनका इकलौता पोता कार्तिक बह गए। शाम को चार किलोमीटर दूर पब्बर नदी के किनारे सीमा गांव के पास रोशन लाल व भागा देवी का शव मिल गया है, पोता लापता है। करीब 12 गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है।
कुमारसैन बाजार में पानी व मलबा आने से काफी नुकसान हुआ है। कोटखाई अस्पताल की निचली मंजिल में पानी भर गया। वहीं, कोटखाई की बाग डुमैहर पंचायत में एक मकान पर मलबा आने से नेपाली मूल के दो लोगों की मौत हो गई। इनके नाम भीम बहादुर व शीला बताए जा रहे हैं।
जमीन धंसने से समा गई कार
सिरमौर जिला के तहत नाहन-कुमारहट्टी-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर हाथी की कब्र के पास राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के किनारे पार्क दो गाड़ियां भूमि धंसने से खाई में जा पहुंचीं। वहीं, नाहन-रानीताल के समीप जमीन धंसने से एक कार उसमें समा गई। पांवटा साहिब उपमंडल के तहत कोटड़ी ब्यास स्कूल में खड्ड का पानी घुस गया।
शिलाई, संगड़ाह, पच्छाद व राजगढ़ उपमंडलों में शनिवार को स्कूलों में छुट्टी करनी पड़ी। शिमला जिला प्रशासन ने ठियोग, रोहड़ू व कुमारसैन उपमंडल के स्कूलों में 25 जुलाई तक अवकाश घोषित कर दिया है। मौसम का असर हवाई सेवा पर भी पड़ा है।
बाढ़ व भूस्खलन से 610 सड़कों पर यातायात नहीं हुआ बहाल
शनिवार को कांगड़ा जिले के गगल स्थित हवाई अड्डे पर कोई विमान नहीं आया। यहां प्रतिदिन नौ विमान उड़ान भरते हैं। कुल्लू जिले के भुंतर स्थित हवाई अड्डे पर भी आज कोई विमान नहीं आया। यहां प्रतिदिन दो उड़ानें होती हैं। हिमाचल में बाढ़ व भूस्खलन के कारण अभी तक 610 सड़कों पर यातायात बहाल नहीं पाया है। रविवार को भी मौसम विभाग के अलर्ट के कारण सड़क मार्ग बहाल करने के कार्य पर असर रहेगा।