हिमाचल में बाढ़ से हुई तबाही के बाद राहत के प्रयासों में लगे मुख्यमंत्री सुक्खू, वर्ल्ड बैंक से मांगी मदद

वर्ल्ड बैंक (World Bank) द्वारा शुक्रवार को कहा गया है कि बाढ़ प्रभावित हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) को पूर्ण सहायता प्रदान करने की बात कही है। वर्ल्ड बैंक का कहना है कि वह नुकसान का पूरा आकलन प्रदान करके, जो पुनर्निर्माण प्रयासों में सहायता करेगा।

वर्ल्ड बैंक ने सड़क, बिजली, जल आपूर्ति, आवास, सार्वजनिक भवन, सिंचाई, कृषि, बागवानी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हुए नुकसान की मात्रा निर्धारित करने के लिए ग्लोबल फैसिलिटी फॉर डिजास्टर रिडक्शन एंड रिकवरी (GFDRR) के सहयोग से एक मूल्यांकन करने की पेशकश की है।

सीएम सुक्खू ने की वर्ल्ड बैंक की सराहना 
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारत के लिए वर्ल्ड बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे टानो कोउमे को एक पत्र लिखकर उनका आभार व्यक्त किया। सीएम सुक्खू द्वारा राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे पर्यटकों की निगरानी और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने सहित समय पर उठाए गए कदमों के प्रति बैंक की सराहना व्यक्त की है।

उन्होंने कहा कि जो भी मूल्यांकन किया जाएगा उससे रीकंस्ट्रक्शन करने में अहम भूमिका निभाएगा। इसमें कहा गया है कि वह पुनर्निर्माण, आपदा जोखिम प्रबंधन, बुनियादी ढांचे के डिजाइन, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और आजीविका के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए भी तैयार है।

बिजली और पानी की बहाली राज्य सरकार की प्राथमिकता
वर्ल्ड बैंक के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि बारिश के कारण हुए नुकसान की बहाली के काम में कम से कम एक साल का समय लगेगा। सुक्खू ने दावा किया कि बारिश से करीब 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सड़कों, पुलों, बिजली और पानी की आपूर्ति की बहाली राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

केंद्र सरकार ने इतना किया आकलन 
हालांकि केंद्र के अनुसार, 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से सटीक नुकसान 5,492 करोड़ रुपये बताया गया है। सुक्खू ने कहा कि यहां मौसम कार्यालय ने भी शनिवार तक राज्य में भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे अधिक भूस्खलन, अचानक बाढ़, भूस्खलन और नदियों और नालों में पानी का प्रवाह बढ़ सकता है।

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