सेब सीजन (Apple Season) के दौरान बड़े ट्राले और ट्रकों के खराब होने के कारण जिन स्थानों पर जाम लग जाता है या फिर इनके कारण जहां पर सड़कें बंद हो जाती हैं। ऐसे सभी संवेदनशील स्थानों की शिमला पुलिस (Shimla Police) ने लिस्ट तैयार की है। यहां पर क्रेन और बड़ी मशीनें पहले से ही तैनात करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए शिमला पुलिस ने एक निजी कंपनी के साथ बात भी की है।
निजी कंपनी से लिया जाएगा ये समान
निजी कंपनी (Private Company) से 5 क्रेने, एक दर्जन से ज्यादा चैन कुप्पी और दो बड़ी मशीनें लेने का फैसला किया है। इन्हें सभी संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया जाएगा, जहां पर अधिक ट्रालों या ट्रकों के सड़क पर ही पलटने के मामले सामने आते हैं । ऐसे स्थानों पर मशीनें पहले से ही तैनात कर दी जाएगी ताकि जब भी ऐसा हो ट्रक को सीधा करके ट्रैफिक को बहाल कर दिया जाए।
ट्राला पलटने से बागवनों को होता है नुकसान
शिमला पुलिस का मानना है कि सेब सीजन के दौरान इसे सबसे ज्यादा नुकसान होता है। इसका सीधा खामियाजा बागवान को उठाना पड़ता है। यदि सुबह के समय कोई ट्राला सड़क पर गिर जाए तो बागवान को अपनी फसल मंडी में पहुंचाने में देरी होती है। इस कारण उसे जो भाव हजारों में मिलना होता है , कई बार फसल सैकड़ों में ही बिक पाती है।
सरकार से हरी झंडी मिलते ही लागू होगा प्लान
बागवान को मंडी में बेहतर भाव मिल सके इसे देखते हुए शिमला पुलिस ने यह प्रस्ताव तैयार किया है। शिमला पुलिस की ओर से इसका पूरा खाका तैयार करके सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सरकार की हरी झंडी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया सेब सीजन के दौरान बागवानों का नुकसान न हो, इसे देखते हुए प्लान तैयार किया है।
महीने का 15 लाख होगा खर्च
यह प्लान लागू होने के बाद हर महीने 15 लाख का खर्च आएगा। इसे पुलिस ने पूरा करने के लिए राज्य सरकार से बजट की मांग की है। लगभग 3 महीने के लिए ये लागू की जानी है। सरकार की ओर से हरी झंडी मिल गई तो उसे तीन महीने के लिए लागू की जाना है।