सेब ढुलाई के आने वाली हर गाड़ी में जीपीएस लगाना अनिवार्य, वाहनों की मूवमेंट पर रहेगी पुलिस की नजर

सेब ढुलाई के लिए आने वाले वाहनों के लिए जीपीएस अनिवार्य कर दिया है। सीजन के दौरान सेब लेकर फरार होने वाले वाहनों पर नकेल कसने के लिए यह निर्णय लिया है। उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने सेब सीजन कोलेकर अधिकारियों के साथ जो बैठक की थी उसमें इस पर विस्तृत चर्चा की गई थी। सेब सीजन में ढुलाई के लिए आने वाली हर गाड़ी में जीपीएस हो यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।

फागू व शोघी में पुलिस ने सेब सीजन के लिए कंट्रोल रूम शुरू कर दिया है। सेब ढुलाई के लिए आने वाले वाहनों का जो पंजीकरण किया जा रहा है उसमें यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि क्या इन वाहनों में जीपीएस लगा है या नहीं। जिसमें जीपीएस नहीं लगा है उन्हें इस सिस्टम को लगाने के निर्देश दिए जा रहे हैं तभी उन्हें सेब ढुलाई के लिए जाने की अनुमति दी जा रही है।

पुलिस ने सीजन के दौरान कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे व स्वचालित स्पीडोमीटर भी लगाए हैं ताकि वाहनों की मूवमेंट पर नजर रखी जा सके। पिछले 5 सालों में 100 से ज्यादा ट्रक बीच रास्ते से ही गायब होने की शिकायतें पुलिस के पास आई है। हालांकि इनमें काफी मामलों को पुलिस ने सुलझा भी लिया है। लेकिन इस साल ऐसा न हो इसलिए यह व्यवस्था बनाई गई है।

पुलिस ने तैयार किया सेब सीजन के लिए डाटा बेस
सेब सीजन के दौरान पुलिस ने डाटा बेस भी तैयार किया है। इसके तहत पिछले साल कितने ऐसे ऑप्रेटर या चालक थे जो सेब लेकर फरार हो गए थे। इसका पूरा रिकार्ड पुलिस के पास है। पुलिस ने एपीएमसी के साथ इस रिकार्ड को साझा किया है। ताकि इन्हें कारोबार की अनुमति न दी जाए। पुलिस ट्रकों की अपने स्तर पर मॉनिटरिंग कर रही है। पिछली बार पुलिस ने कुछ ऐसे ट्रक पकड़े थे जिनका चैसी नंबर वास्तव में अलग था और आरसी में अलग दर्शाया था। पुलिस का मानना है कि ऐसे ट्रक सेब लेकर फरार हो जाते हैं।

यह रिकार्ड भी है तैयार
सेब सीजन के दौरान आढ़तियों से ठगी व बागवानों के पैसे न देने वालों कारोबारियों का रिकार्ड भी पुलिस ने तैयार कर रखा है। वर्ष 2019 में बागवानों से होने वाली ठगी व धोखाधड़ी के लिए एसआईटी गठित की है। रिकॉर्ड के अनुसार एसआईटी के पास 2,036 शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों में से एसआईटी ने 1,782 शिकायतों का समाधान किया है।

15 अक्टूबर तक चलेगा पुलिस का प्लान
शिमला पुलिस ने सेब सीजन के लिए जो ट्रैफिक प्लान लागू किया है वह अक्टूबर महीने तक चलेगा। इसके लिए पुलिस ने मंडियों के आसपास वाहनों की पार्किंग से लेकर लोडिंग अनलोडिंग के लिए योजना तैयार की है। 45 हजार छोटे व बड़े वाहन पिछली बार सेब ढुलाई के लिए आए थे। इसमें कई वाहन पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा सहित अन्य राज्यों से आए थे। इस बार सेब कम है इसलिए वाहनों की मूवमेंट भी कम होने की उम्मीद है।

सेब सीजन के दौरान पिछले साल हुए थे 130 हादसे
 वर्ष-2022 में सेब सीजन के दौरान 130 सड़क हादसे हुए थे। इसमें 70 लोगों की मौत हुई। शिमला पुलिस इस बार सेब सीजन के दौरान ओवर लोडिंग, ओवर स्पीड पर पैनी नजर रखेगा। इसके अलावा रूटीन नाके लगाकर चैक किया जाएगा कि कोई नशा करके वाहन तो नहीं चला रहा है। पुलिस ने घातक दुर्घटनाओं वाले ब्लैक स्पॉट पर विशेष संकेत बोर्ड लगाने का काम शुरू कर दिया है।

वाहनों का रखा जा रहा रिकार्ड
एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि सेब ढुलाई के लिए आने वाले वाहनों का पूरा रिकार्ड रखा जा रहा है। पुलिस के पास इन जीपीएस उपकरणों तक पहुंच होगी। इससे पुलिस को उन वाहनों का पता लगाने में मदद मिलेगी जो चोरी हो गए हैं या निर्धारित गंतव्य की ओर जाने वाले रास्ते से भटक गए हैं।

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