नगर निगम शिमला को लंबे समय से प्रापर्टी टैक्स (संपत्ति कर) न देने वाले हजारों डिफाल्टरों को निगम प्रशासन ने 15 दिन में टैक्स जमा करवाने का अंतिम नोटिस जारी किया है। इसके बाद प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम प्रशासन ने अभी 50 हजार रुपये की राशि से अधिक के टैक्स बकायादारों को नोटिस भेजे हैं। इसके बाद निगम 20 और 30 हजार रुपये वाले डिफाल्टरों को नोटिस देगा। नगर निगम को टैक्स से 21 करोड़ रुपये की सालाना आय होती है। वर्तमान में निगम को शहर में सात करोड़ रुपये की टैक्स रिकवरी करनी है।
बकायादारों की संख्या लगभग तीन हजार
टैक्स के बकायादारों की संख्या तीन हजार के लगभग है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नगर निगम प्रशासन को आय बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद विधायक हरीश जनार्था ने भी निगम प्रशासन को आय बढ़ाने के लिए कहा है। इसके लिए निगम प्रशासन ने रिकवरी बढ़ाने के लिए काम में तेजी लाई है।
नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली का कहना है कि बकायादारों को नोटिस जारी कर 15 दिन में लंबित टैक्स जमा करवाने के आदेश दिए हैं। इसके बाद प्रशासन नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई करेगा।
30 हजार से ज्यादा हैं संपत्ति कर देने वाले
राजधानी शिमला में निगम को संपत्ति कर देने वालों की संख्या 30 हजार से ज्यादा है। वहीं निगम प्रशासन ने अब इनके साथ दुकानों से किराया व संपत्तियों के लीजधारकों से भी रिकवरी करने की तैयारी की है। शहर में निगम की दुकानों से लंबित किराये को वसूलने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश संपदा शाखा को दिए गए हैं।