शिमला शहर में पिछले 3 महीनों में नहीं हुई बर्फबारी, पर्यटक मायूस; मौसम वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह

 पहाड़ों की रानी शिमला में इन दिनों मौसम बदला हुआ है। सर्दियों में बर्फ से ढके रहने वाले इस खूबसूरत हिल्स स्टेशन में इस बार बर्फ के दीदार नहीं हो रहे हैं। बीते डेढ़ दशक में यह पहली बार है, जब शहर में दिसंबर और जनवरी महीना बिना बर्फबारी के गुजरा है। वैसे तो शिमला से सटे पर्यटन स्थलों कुफरी, नारकंडा सहित ऊपरी क्षेत्रों में दो-तीन बार बर्फ गिर चुकी है। शिमला शहर की सबसे ऊंची चोटी जाखू में भी बर्फबारी हुई है। लेकिन शहर में कहीं भी बर्फबारी का नजारा देखने को नहीं मिला।


विंटर सीजन में शहर में अक्सर बर्फबारी की वजह से सड़कें, रास्ते बंद हो जाते हैं। परिवहन, बिजली व पेयजल आपूर्ति कई दिनों तक ठप रहती थी। इस बार यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ। इससे स्थानीय लोगों को भले ही बर्फबारी से होने वाली परेशानियों से नहीं जूझना पड़ा हैं। हालांकि समय पर बर्फ न गिरने से सैलानियों को मायूसी मिली है और यहां के पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंच रहा है। बर्फबारी न होने से सैलानियों की आवाजाही में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। खासकर वीकेंड पर पर्यटकों की आवाजाही कम हो रही है। इस वीकेंड पर भी बहुत कम पर्यटकों ने शिमला का रुख किया है। इससे कारोबारी भी मायूस हैं। बीते शनिवार को होटलों में सिर्फ 25 फीसदी बुकिंग रही। हालांकि शाम के समय माल रोड और रिज मैदान में पर्यटकों की आवाजाही होती रही। 


शिमला में कम बर्फबारी को लेकर पर्यावरण व मौसम वैज्ञानिकों को भी हैरत में डाल दिया है। पर्यावरण विशेषज्ञ इसके लिए अंधाधुंध निर्माण कार्यों, वाहनों की अत्यधिक आवाजाही, फोरलेन समेत बड़े प्रोजेक्टों के निर्माण और पेड़ कटान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। दरअसल शहर में पिछले दो-तीन वर्षों से स्मार्ट सिटी के कार्य बड़े स्तर पर हो रहे हैं। मौसम विज्ञानियों की मानें तो मजबूत पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति के कारण शिमला शहर में दिसंबर और जनवरी में न के बराबर हिमपात हुआ है। 


मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अब तक कम से कम दो से तीन मध्यम हिमपात हो जाने चाहिए थे। शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है कि आगामी तीन-चार दिनों में भी मौसम में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। दिसंबर और जनवरी में बर्फ नहीं गिरने के बाद सैलानी अब फरवरी महीने में बर्फबारी की आस लगाए बैठे हैं। मार्च में यहां बर्फ गिरने की संभावना न के बराबर रहती है। राजधानी शिमला में फरवरी 1990 में आज तक की सबसे अधिक 151 सेंटीमीटर बर्फबारी रिकॉर्ड हुई थी।मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार साल 2007 में शिमला शहर में नवंबर, दिसंबर और जनवरी में बिलकुल बर्फ नहीं गिरी थी। फरवरी में शहर में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। सिर्फ इस एक माह के दौरान शहर में 113 सेंटीमीटर बर्फबारी रिकॉर्ड हुई थी। 

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