राजधानी शिमला में पांच स्थानों पर अब यदि आप ओवरस्पीड वाहन चलाते हैं तो चालान आपके घर पहुंच जाएगा। शिमला पुलिस ने शहर के पांच स्थानों पर वाहनों की गति को जांचने के लिए सिस्टम लगाया है। अब इसे इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा जाना है। इसके तहत जो भी वाहन चालक यहां पर तय मानक से ज्यादा गति पर वाहन दौड़ाएगा उसका चालान स्वत: ही कटेगा। पहले चरण में शहर के बीसीएस, टुटीकंडी, ढली, टुटू व नवबहार को चुना है। इसके बाद अगले चरण में शहर के अन्य स्थानों पर लगी लाइटों को भी इससे जोड़ा जाएगा।
शहर में ज्यादा गति से वाहन चलाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने यह योजना बनाई है। शिमला पुलिस का मानना है कि राजधानी शिमला में आने वाले वाहन शहर के अंदर तो कम गति पर चलते हैं, लेकिन ढली, टुटू, शोघी, पंथाघाटी व बीसीएस तक इनकी गति काफी ज्यादा रहती है। इस कारण कई बार व्यस्त बाजारों में दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।
ट्रैफिक को नियंत्रित वाहनों की गति पर अंकुश लगाने के लिए
इसके अलावा नवबहार से संजौली के बीच में भी वाहन काफी ज्यादा गति से दौड़ाए जाते हैं। इन पर नुकेल कसने के लिए सिस्टम को लाइटों से जोड़ने की योजना है। अभी तक वाहनों की गति चौड़ा मैदान, नवबहार चौक पर बताई जाती है, लेकिन आने वाले दिनों में शहर के विभिन्न स्थानों पर वाहनों की गति बताने के लिए सिस्टम लगाया जाएगा।
इन सभी स्थानों को पूरे शहर में नए सिस्टम से जोड़ने के बाद शहर में तय गति से ज्यादा वाहन दौड़ाने पर चालान होगा। डीएसपी ट्रैफिक अजय भारद्वाज का कहना है कि शिमला में ट्रैफिक को नियंत्रित करने व वाहनों की गति पर अंकुश लगाने के लिए इस सिस्टम को लगाने की तैयारी की जा रही है।
शहर में 20 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रखी है वाहनों की गति
शहर के बाजारों में वाहनों की गति 20 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटा तय की गई है। अधिकतम 40 की स्पीड शहर के सर्कुलर रोड पर है। इसके बावजूद शहर में कुछ लोग काफी तेजी से वाहन दौड़ाते हैं। इसक परिणाम शहर की महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों को भुगतना पड़ता है। इस आशंका को खत्म करने के लिए पुलिस ने यह फैसला लिया है कि शहर में वाहनों की गति नियंत्रित करने के लिए नया सिस्टम लागू किया जाएगा।