मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य की आर्थिक हालत पर एक बार फिर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि भाजपा की पिछली सरकार की कारगुजारी की वजह से राज्य की वित्तीय स्थिति खराब हुई है और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में चार साल लगेंगे। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि जयराम ठाकुर सरकार रिवाज बदलकर सत्ता पर दोबारा आसीन होती, तो उनके सामने भी ऐसे ही हाल होते।
गुरुवार को संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी प्रणाली पुराने ढर्रे पर काम कर रही है। अधिकतर सरकारी विभागों में रूटीन काम को फाइलों में निपटाया जा रहा है, इस पूरी व्यवस्था को बदलने की जरूरत है। सत्ता परिवर्तन के बाद प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन शुरू हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सालों से चले आ रहे नियमों व व्यवस्था को परिवर्तित अथवा सुदृढ़ करने का कार्य शुरू किया जा चुका है और इसका नमूना आईपीएच व लोक निर्माण विभाग में टेंडर आवंटन में बांधी गई समय सीमा के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग और आईपीएच विभाग के टेंडर ऑनलाइन कर दिए गए हैं। लोक निर्माण विभाग में जो टेंडर 60 दिन में होते थे, उन्हें 20 दिन में किया गया है। इसी तरह आईपीएच विभाग में भी टेंडर अलॉट कर 20 दिन में काम शुरू करने की व्यवस्था लाई गई है। अब स्वास्थ्य विभाग में व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा। आने वाले समय में व्यवस्था परिवर्तन के लिए अध्यादेश के जरिये कई कानून लाए जाएंगे।
सीएम सुक्खू ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश की कांग्रेस सरकार व्यवस्थाओं में और भी अधिक परिवर्तन करेगी और इसके लिए अध्यादेश के जरिए कई कानून लाए जाएंगे। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधानसभा में पेश किए जाने वाले राज्य सरकार के पहले बजट में प्रदेश के लोगों को सरकार के दृष्टिकोण की झलक दिखाई देगी। उन्होंने कहा कि सीमेंट उद्योग और ट्रक ऑपरेटर के विवाद को लेकर वह उद्योग मंत्री व सचिव के साथ वे स्वयं बैठक करेंगे और समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।