मास्टर नेगी की अंतिम यात्रा में जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक, पुलिस अधीक्षक विवेक चहल, एसडीएम कल्पा शशांक गुप्ता सहित जिले के आला अधिकारी शरीक हुए. मास्टर नेगी के घर पर जिला निर्वाचन अधिकारी और उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने उनके शव पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सम्मानपूर्वक रखा. साथ ही पुलिस अधिक्षक किन्नौर विवेक चहल, रिटर्निंग अधिकारी व एसडीएम कल्पा डॉ. शशांक गुप्ता ने भी शव पर फूल मालाएं भेंट की. इस दौरान उन्हें घर पर ही राजकीय सम्मान के साथ पुलिस के जवानों ने सलामी दी. हिमाचल के चुनाव आयुक्त राजीव कुमार भी कल्पा के लिए रवाना हुए हैं. वह नेगी के परिजनों से मुलाकात करेंगे.
आखिरी बार क्या कहा था
हाल ही में 2 नंवबर को वोट डालने के बाद देश के प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी ने कहा था कि देश को अंग्रेजों और राजाओं के राज से आजादी मिली थी. आज लोकतंत्र के इस महापर्व में हर व्यक्ति को देश के विकास करने वाले व्यक्ति को चुनने की आजादी दी है. देश में 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए थे. क्योंकि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में चुनाव के दौरान भारी बर्फबारी होने का अंदेशा था. इसलिए किन्नौर में छह महीने पहले ही वोट डाले गए थे और मास्टर नेगी ने 1952 पहला वोट कास्ट किया था. 1940 से 1946 तक वन विभाग में वन गार्ड की नौकरी की. उसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए और कल्पा लोअर मिडिल स्कूल में अध्यापक बने. मास्टर नेगी का जन्म 1917 में हुआ था.
बूथ पर डाला चाहते थे वोट
दो नवंबर को नेगी ने वोट डाला था. वह बूथ पर जाकर ही वोट डालना चाहते थे. यहां तक कि उन्होंनें फॉर्म 12 भी चुनाव आयोग को लौटा दिया था, लेकिन तबीयत खराब होने के चलते बाद में वह घर पर ही बैलेट पेपर के जरिये वोट डालने के लिए राजी हो गए थे. उन्होंने अपने जीवन काल में 34 वीं बार वोट डाला और फिर दुनिया को अलविदा कह गए. नेगी का जन्म 1 जुलाई 1917 में किन्नौर जिले के कल्पा में हुआ था.