फिर से बड़े किसान आंदोलन की तैयारी?, शिमला में किसानों का राजभवन के बाहर प्रदर्शन

एक बार फिर से देश में बड़े किसान आंदोलन की तैयारी नजर आने लगी है. किसानों के केंद्रीय संगठनों के आह्वान पर शनिवार को राजधानी शिमला में किसान-बागवान सड़कों पर उतरे. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों-बागवानों ने शिमला के पंचायत भवन से लेकर राजभवन तक रोष मार्च निकाला और राजभवन के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. दोपहर करीब 12 बजे हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर, महासचिव डॉ. ओंकार शाद, ठियोग से माकपा विधायक राकेश सिंघा और संजय चौहान के नेतृत्व में किसानों का जुलूस केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए राजभवन पहुंचा.

न्यूनतम समर्थन मूल्य, किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने, उनके परिवार के सदस्य को रोजगार देने, यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों कुचलने के आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांग सहित किसानों पर चलाए जा रहे झूठे मुकदमे वापस लेने की मांग पर ये प्रदर्शन किया गया. किसान नेताओं ने राज्यपाल कार्यालय के माध्यम से राष्ट्रपति को 8 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा. संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्रीय मांगों के साथ साथ हिमाचल की समस्याएं भी रखीं जिनमें कृषि पर सब्सिडी को बहाल करने, सेब की पैकेजिंग सामग्री पर जीएसटी खत्म करने, जंगली जानवरों, आवारा पशुओं से निजात, प्रदेश में पैदा होने वाले सभी फल सब्जियों, अनाजों पर समर्थन मूल्य देने की मांग और भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच की मांगों को पूरा करना आदि शामिल हैं.

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