प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न हितधारकों और विभागीय अधिकारियों के अनुरोध पर माल और सेवा कर में सम्मिलित अधिनियमों के तहत लंबित मामलों और बकाया राशि के निपटान के लिए ‘‘हिमाचल प्रदेश स्वर्ण जयंती’’ योजना (विरासत मामले समाधान) 2021 आरम्भ की गई है। इससे करदाताओं को अनिवार्य दस्तावेज प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। जीएसटी लागू होने के बाद भी करदाताओं के कर संबंधी मामलों के विवाद रह गए हैं। इस योजना के तहत, डीलर योजना के पहले चरण के दौरान ब्याज और जुर्माने के स्थान पर 10 प्रतिशत की दर से निपटान शुल्क के साथ अपना देय कर जमा कर सकते हैं, जिसकी अवधि 28 अप्रैल, 2022 को समाप्त होगी।
पहले चरण के दौरान आवेदन दाखिल करने में विफल रहने वाले डीलरों को निपटान शुल्क का भुगतान करना होगा अर्थात पहले चरण के दौरान लागू देय निपटान शुल्क का 150 प्रतिशत, दूसरे चरण की अवधि 29 अप्रैल से 28 जून, 2022 तक लागू होगी। योजना के तहत, करदाता बकाया कर राशि का भुगतान कर सकते हैं और कानून के तहत किसी भी अन्य परिणाम से मुक्त हो सकते हैं। इससे करदाताओं को राहत मिलेगी और उन्हें ब्याज व जुर्माने के स्थान पर केवल निपटान शुल्क देना होगा। यह जानकारी देेते हुए राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के इच्छुक पात्र डीलरों को अपने नजदीकी जिला एवं वृत्त कार्यालय में जाना होगा। उन्हांेने डीलरों को योजना के समाप्त होने से पहले इस अवसर का लाभ उठाने का परामर्श दिया।
Courtesy: CMO Himachal