मुख्यमंत्री जी ने किया ₹1010.60 करोड़ की कृषि परियोजना का शुभारंभ


मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने आज धर्मशाला में प्रदेश के लिए जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) के आर्थिक सहयोग से 1010.60 करोड़ रुपये की हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण संवर्धन परियोजना (एचपीसीडीपी) चरण-2 के शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि इन क्षेत्रों में कुल जनसंख्या के 90 प्रतिशत से अधिक लोग रहते हैं और लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि क्षेत्र पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधनों और कोरोना महामारी के कारण मंदी के बावजूद, वर्तमान सरकार ने राज्य के सर्वांगीण और समान विकास के लिए सिंचाई, कृषि, बागवानी, वानिकी और संबद्ध क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं।


राज्य के सभी 12 जिलों में लागू होगी परियोजना
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि जाइका सहायता प्राप्त फसल विविधिकरण परियोजना के दूसरे चरण को राज्य के सभी 12 जिलों में लागू किया जाएगा और इससे राज्य के किसान परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि परियोजना का पहला चरण 2011 से प्रायोगिक आधार पर राज्य के पांच जिलों मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में कार्यान्वित किया जा रहा है, जिससे जिलों के किसानों की अर्थव्यवस्था बदल गई है।

परियोजना का उद्देश्य और संभावनाएं
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य फसल विविधिकरण के एक सफल मॉडल का प्रसार करना और 2031 तक परियोजना क्षेत्र में सब्जी उत्पादन क्षेत्र को 2500 हेक्टेयर से बढ़ाकर 7000 हेक्टेयर करना है। राज्य सरकार प्रदेश के विकास के लिए केंद्र सरकार, बाहरी वित्त पोषण एजेंसियां जैसे जाइका, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक आदि सभी संभावित स्रोतों से संसाधन जुटा रही है। राज्य सरकार जाइका को वित्तीय सहायता का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत मानती है और राज्य के विकास में भागीदार है। इस क्षेत्र में बेमौसमी सब्जियों की खेती की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार ने किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए मार्केट यार्ड का एक मजबूत नेटवर्क बनाया है, लेकिन अभी भी राज्य में ऐसी कई मंडियों की आवश्यकता है ताकि किसानों को अपने उत्पादों के विपणन के लिए आसान पहुंच और बेहतर मूल्य मिल सके।



हिमाचल के किसानों की समृद्धि का मार्ग हुआ प्रशस्त

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि भारत और जापान दोनों ने खाद्यान्न के थोक उत्पादन के बजाय सतत उत्पादन की प्रणाली विकसित की है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भी सतत विकास के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिन्हें 2030 तक हासिल किया जाना है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने बजटीय और योजना प्रक्रिया में सतत विकास लक्ष्यों का सहयोग कर उन्हें संस्थागत रूप दिया है और इन लक्ष्यों को रिकार्ड समय में हासिल करने के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2007 से कृषि क्षेत्र में इस पहाड़ी राज्य के किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रदेश, जापान सरकार और भारत सरकार का आभारी है। उन्होंने जाइका परियोजना चरण के प्रबंधन और कर्मचारियों को उनके अच्छे काम के लिए भी बधाई दी और परियोजना को देखने के लिए कई एशियाई देशों के प्रतिनिधिमंडल भेजकर उनके सक्रिय समर्थन और मार्गदर्शन के लिए उनका धन्यवाद किया।

कोरोनाकाल में अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए कृषि का रहा अहम योगदान
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भी, कृषि और संबद्ध क्षेत्र ने राज्य की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना सामुदायिक भागीदारी में विविध कृषि प्रणालियों के अनुभवों को दोहराने और भारत में इसी तरह की जाइका समर्थित परियोजनाओं के प्रसार का अवसर भी प्रदान करती है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि हिमाचल प्रदेश जापान के साथ कृषि परियोजनाओं पर सहयोग कर रहा है, जिससे निश्चित रूप से कृषक समुदायों को उनकी आय बढ़ाने में लाभ हुआ है।

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