राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द जी ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को किया संबोधित


राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द जी ने हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष्य में आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को सम्बोधित किया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर जी ने हिमाचल प्रदेश के दौरे के लिए राष्ट्रपति जी का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि हम हिमाचल प्रदेश के 50 वर्षों के स्वर्णिम वर्षांे की यात्रा के इस महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बने हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश कोे राष्ट्रपति जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है, जो राज्य के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। राज्यपाल जी ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र और लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों का मंदिर है। जनप्रतिनिधि लोगों के विचारों और उनकी आकांक्षाओं को विधानसभा के समक्ष रखते हैं। विधानसभा को सकारात्मक चर्चा का केंद्र माना जाता है और विचार-विमर्श के माध्यम से ही सकारात्मक परिणाम हासिल किए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की अलग-अलग संस्कृति और रीति-रिवाज हैं और प्रदेश की इस विविधता को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।


राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर जी ने राज्य को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा हासिल करवाने में अपना योगदान देने वाले प्रदेश के सभी व्यक्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि अलग राज्य के रूप में हिमाचल का सपना संजोने वाले लोगों को प्रदेशवासी नमन करते हैं। उन्होंने प्रदेश के विकास में अहम योगदान देने के लिए यहां के पहले मुख्यमंत्री डॉ.यशवंत सिंह परमार के योगदान को भी स्मरण किया। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने विधानसभा द्वारा प्रकाशित ‘‘हू इज हू’’ पुस्तक का विमोचन भी किया और इसकी एक प्रति राष्ट्रपति को भेंट की।


मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने भारत के राष्ट्रपति जी का स्वागत करते हुए कहा कि यह प्रदेश के लिए बहुत गौरव की बात है कि इस वर्ष को राज्य के स्वर्णिम जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद इस पहाड़ी राज्य की 50 वर्षों की यात्रा गौरवशाली और उपलब्धियों से भरी हुई रही है। वर्ष 1971 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय 651 रुपये थी जो वर्तमान में बढ़कर एक लाख 95 हजार हो गई है। इसी प्रकार वर्ष 1971 में प्रदेश में सड़कों की लम्बाई 7370 किलोमीटर थी जबकि आज यहां 37,808 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों का नेटवर्क है। वर्ष 1971 में प्रदेश में केवल 4945 शौक्षणिक संस्थान थे जबकि वर्तमान में इनकी संख्या 15000 से अधिक हो गई है। आज प्रदेश में एम्स, आईआईएम, आईआईआईटी जैसे कई राष्ट्रीय स्तर के उत्कृष्ट संस्थान हैं। प्रदेश ने इन वर्षों के दौरान कृषि और बागवानी क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया है।


मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के हर क्षेत्र के विकास और समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए जन मंच, मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100, हिमकेयर, सहारा, हिमाचल गृहिणी सुविधा, शगुन, मुख्यमंत्री स्वावलम्बन, नई राहें-नई मंजिले और प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान जैसी कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं। प्रदेश सरकार ने राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट का आयोजन किया। उन्हांेने कहा कि प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कई विशेष कार्यक्रम शुरू किए हैं। वर्तमान सरकार ने प्रदेश के किसानों, बागवानों, व्यापारियों, कर्मचारियों, श्रमिकों, युवाओं, महिलाओं और अन्य वर्गों के कल्याण के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं औरयह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सरकार की नीतियों और योजनाओं का लाभ अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे।


मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि राज्य द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में की गई प्रगति को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है तथा विभिन्न नवोन्मेषी योजनाओं और अभूतपूर्व विकास के लिए राज्य ने कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग दो वर्षों में देश के साथ-साथ प्रदेश भी कोरोना महामारी से जूझ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम और गतिशील नेतृत्व में देश ने न केवल इस महामारी पर सफलतापूर्वक विजय हासिल की है, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा टीकाकारण अभियान भी चलाया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने कोविड-19 टीकाकरण अभियान में 18 वर्ष से अधिक आबादी के पहली खुराक के शत-प्रतिशत टीकाकरण लक्ष्य को हासिल किया है।


मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों स्वर्गीय डाॅ. यशवन्त सिंह परमार जी, श्री राम लाल ठाकुर जी और श्री वीरभद्र सिंह जी को श्रद्धांजलि देने के अलावा राज्य की विकास यात्रा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदेश के लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य के विकास में योगदान के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों श्री शांता कुमार जी और श्री प्रेम कुमार धूमल जी का भी आभार व्यक्त किया। नेता प्रतिपक्ष श्री मुकेश अग्निहोत्री जी ने कहा कि यह विधानसभा देश की पहली कागजरहित विधानसभा है। प्रदेश के विकास में डाॅ. परमार और श्री वीरभद्र सिंह जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जो अधिकतम समय तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने सैन्य बलों में हिमाचली युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए राष्ट्रपति से राज्य के लिए हिमाचल रेजिमेंट के गठन का आग्रह किया।


राज्य विधानसभा अध्यक्ष श्री विपिन सिंह परमार जी ने इस अवसर पर राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने अभिभाषण से प्रदेश विधानसभा की शोभा बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य विधानसभा के समृद्ध और गौरवशाली इतिहास का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि यह विधानसभा संभवतः देश की पहली विधानसभा है जिसे सही मायने में ई-विधानसभा कहा जा सकता है। विधानसभा उपाध्यक्ष श्री हंसराज जी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर जी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री प्रेम कुमार धूमल जी, मंत्रीगण, सांसद, विधायक, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Courtesy: CMO Himachal

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad