पूर्व सीएम शांता को लिखे पत्र में संतोष शैलजा ने लिखी थी यह बात- यादें अपने उजालों की रहने दो हमारे पास

यादें अपने उजालों की रहने दो हमारे पास, न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए...। ये बातें संतोष शैलजा ने तब लिखीं थीं, जब शांता कुमार नाहन जेल में बंद थे।

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