ओलों से रोहडू में सेब बर्बाद

बागबानों से सरकार से लगाई मदद की गुहार, मुआवजा दे सरकार

रोहडू-रोहडू उपमंडल के कई क्षेत्रों में सोमवार को हुई ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। वहीं रविवार को भी रोहडू उपमंडल में ओलावृष्टी से नुकसान हुआ है। कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टी इतनी अधिक हुई कि सेब फसल को बचाने के लिए जिन बागबानों ने एंटी हेल नट जाली लगाई हुई है, वह तक कई पौधों के उपर से ढह गई है। दो दिनों में इस ओलावृष्टी से जहां सेब की पत्तियों को नुकसान पहुंचा है, वहीं फलों पर भी गहरे घाव पड़ गए है। इससे अब फलों की गुणवता भी प्रभावित होगी। छौहारा क्षेत्र की डिस्वाणी, खशाधार के जाखी, मसली, रोहल, खाबल, मंडलगड़ के खदराला, बशूनी, सरास, घड़ाई, भलाड़ा, कुई, नाडू, नगैली, अद्रेवठी, खलाई, खारला, कडि़वन, खुटाड़ी, भमनोली पंचायत खंगटेड़ी कई क्षेत्रों में ओलावृष्टी से सेब की फसल को नुकसान हुआ है। कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टी अधिकतर देखने को नहीं मिलती है, जिसमें बच्छूंछ का क्षेत्र भी शामिल है, जबकि इस बार सोमवार को यहां के गांवों में भी ओलावृष्टी हुई है। हालांकि यह ओलावृष्टी तेज बारिश के साथ हुई है, लेकिन देर तक होने कारण सेब फलों व पत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है।

बागबानों ने की मुआवजे की मांग

बागबानों ने सरकार से ओलावृष्टी से हुई नुकसान के लिए सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है। वहीं बागबानों ने ओलावृष्टी से बचने के लिए एंटी हेलगन लगवाने की भी मांग की है। बागबानों की कहना है कि इस बार जहां कोरोना का संकट चला है वहीं अब ओलावृष्टी से भी सेब की फसल का नुकसान हो रहा है।

यूरिया-बोरिक एसिड का करें छिड़काव

जिन क्षेत्रों में सेब फसल का नुकसान ओलावृष्टी से हुआ है, उन क्षेत्रों के बागबानों को तुरंत कांर्बेडाजिम 100 ग्राम या मेंकोजेब 600 ग्राम का छिड़काव प्रति 200 लीटर पानी करना होगा। ओलावृष्टी के 72 घंटे के अंदर ही बोरिक एसिड 200 ग्राम, जिंक सल्फेट 500 ग्रामए अनबूझा चूना 250 ग्राम का 200 प्रति लीटर घोल बनाकर छिड़काव करें। वहीं दस या 12 दिनों के बाद सूक्ष्म तत्व का छिड़कांव भी करें।

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