प्रदेश में आए लोगों की टेलेंट मैपिंग करेगी सरकार : मुख्यमंत्री


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की। उन्होंने कोविड-19 महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्यों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि अन्य राज्यों में हिमाचल प्रदेश के लगभग 55 हजार लोग फंसे हुए हैं, जो अपने घर वापस आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अन्य राज्यों के लगभग 68000 लोग हैं, जो अपने राज्य वापस जाना चाहते हैं। इसी कारण प्रदेश में कोविड-19 पॉजिटिव मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। एक सप्ताह पूर्व प्रदेश में कोरोना पाॅजिटिव की संख्या 40 थी, परन्तु एक सप्ताह के भीतर यह संख्या बढ़कर 59 हो गई है, जो कि चिंता का विषय है, परन्तु बाहरी राज्यों में फंसे हुए हिमाचलवासियों को हर संभव सहायता प्रदान करना भी प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बाहरी राज्यों से आए लोगों के लिए क्वारंटीन के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए जियो फैंसिंग ऐप विकसित की है। कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश में लगाए गए लाॅकडाउन के कारण प्रदेश की आर्थिकी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में आर्थिक गतिविधियां आरम्भ करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न भागों से राज्य में हजारों लोग वापस आए हैं और उनकी विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता हैं। उन्होंने कहा कि यदि लाॅकडाउन लम्बा चले तो राज्य सरकार ने ऐसे लोगों की टेलेंट मैपिंग करने का निर्णय लिया है, ताकि वे लोग अपने घर में रहना चाहे तो उनकी सेवाओं का उपयोग प्रदेश हित में किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सेब सीजन आने वाला है और दिल्ली की आजादपुर मंडी कोरोना महामारी के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुई है, इसलिए उन्होंने बागवानों को उनके उत्पादों को बेचने की सुविधा प्रदान करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का आग्रह किया। उन्होंने लाॅकडाउन अवधि को बढ़ाने का समर्थन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वह पूंजीगत व्यय में कटौती न करें, लेकिन इसके साथ ही सरकार अपव्यय को रोकने के लिए कठोर कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्र के हर घर में 120 दिन का अकुशल रोजगार सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना शुरू की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी के कारण पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसलिए प्रदेश सरकार ने 6 महीने की अवधि के लिए बिजली मांग शुल्क को खत्म करने का निर्णय लिया है। इसी तरह आबकारी एवं कराधान लाइसेंस शुल्क को माफ किया गया है और बार का लिफ्टिंग कोटा प्रो-राटा के आधार पर होगा। उन्होंने कहा कि सरकार एचपीटीडीसी निगम के कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर एचपीटीडीसी को भी सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, टोकन टैक्स और विशेष सड़क कर को 4 महीने के लिए माफ कर दिया गया है तथा निजी वाहनों के पंजीकरण और परमिट आदि के नवीकरण की देरी पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी को 55 करोड़ की मदद दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक व्यावसायिक और कृषि उपभोक्ताओं को बिजली खपत शुल्क के भुगतान में छूट दी गई है। अप्रैल, 2020 की खपत के लिए मई 2020 में बिल दिया गया है, जबकि मई महीने का बिल 30 जून तक लंबित कर दिया गया है। इस शुल्क को जुलाई, अगस्त और सितंबर माह 2020 में तीन बराबर किश्तों में लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल और दूरदर्शी नेतृत्व में कोरोना महामारी के विरूद्ध लड़ाई में देश की जीत अवश्य होगी।

courtesy: CMO Himachal Pradesh

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