केंद्रीय गृह मामले मंत्रालय द्वारा लाॅकडाउन अवधि के दौरान दुकानों को खोलने में दी गई छूट से संबंधित जारी किए गए स्पष्टीकरण के दृष्टिगत हिमाचल सरकार ने प्रदेश में इससे संबंधित दिशा-निर्देशों को सख्ती से कार्यान्वित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि कर्फ्यू में छूट के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में शाॅपिंग माॅल की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकानें खुली रहेंगी। शहरी क्षेत्रों में सभी एकल दुकानें, आस-पड़ोस की दुकानें तथा आवासीय परिसरों में स्थित दुकानें खुली रहेंगी, जबकि मल्टीब्रैंड तथा सिंगल ब्रैंड माॅल में दुकानें बंद रहेंगी।
खोली जाने वाली दुकानों में केवल 50 प्रतिशत कर्मचारी ही स्वीकार्य होंगे, जिन्हें मास्क पहनना तथा सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि यह छूट सेवाओं से संबंधित दुकानों के लिए नहीं, बल्कि सामान बेचने वाली दुकानों के लिए हैं। हिमाचल सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि ये छूट कंटेनमेंट जोन में लागू नहीं होंगी। शहरी क्षेत्रों में मार्केट या मार्केट परिसरों तथा शाॅपिंग माॅल में स्थित दुकानें बंद रहेंगी। कोविड-19 प्रबंधन संबंधी राष्ट्रीय निर्देशों के अनुसार शराब तथा अन्य निर्दिष्ट वस्तुओं की बिक्री भी बंद रहेगी। इसके अतिरिक्त लाॅकडाउन अवधि के दौरान रेस्टाॅरेंट, सैलून तथा नाई की दुकानें भी बंद रहेंगी।
फैक्टरी सील करने तथा सीईओ को कैद का कोई प्रावधान नहीं: प्रदेश सरकार
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों से संबंधित अफवाहों के कारण औद्योगिक क्षेत्र तथा आमजन में भ्रांति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि फैक्टरी में कर्मचारी के कोविड-19 पाॅजिटिव पाए जाने की स्थिति में राज्य सरकार द्वारा कानूनी कार्रवाई के तहत तीन माह के लिए फैक्टरी सील करने या मुख्य कार्यकारी अधिकारी को कैद करने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत बचाव कार्यों की पालना न करने की स्थिति में फैक्टरी को दो दिन के लिए बंद किया जाए तथा केवल पूर्ण अनुपालना के उपरांत ही पुनः खोला जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी अफवाहें तथ्यहीन हैं।
दिशा-निर्देशों के अनुसार औद्योगिक तथा व्यवसायिक इकाइयों को कार्य स्थलों पर स्टैंडर्ड हैल्थ प्रोटोकाॅल तथा सामाजिक दूरी का पालन करना आवश्यक है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि 15 अप्रैल, 2020 को जारी समेकित संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत पहले से दी गई छूट जारी रहेंगी, बशर्ते छूट वाली गतिविधि कंटेनमेंट जोन में शामिल हैं। इसलिए 15 अप्रैल, 2020 से पहले कंटेनमेंट जोन से बाहर के क्षेत्रों में शामिल जिन उद्योगों को चलाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी, उन्हें प्राधिकारियों से अलग से नई स्वीकृतियां प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है।
सोलन जिला में 84 प्रतिशत लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की गई
कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत प्रदेश के सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों को वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही की एकमुश्त पेंशन प्रदान करने के राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार सोलन जिला में 84 प्रतिशत पेंशनधारकों को डाक विभाग के माध्यम से घर-द्वार पर पेंशन उपलब्ध करवाई जा चुकी है। सोलन जिला में वर्तमान में कुल 33,940 सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारक हैं, जिनमें से अभी तक लगभग 84 प्रतिशत व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्ष पैंशन प्रदान की जा चुकी है। जिला के कुल सामाजिक पेंशनधारकों में 22,714 वृद्धावस्था, 7424 विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, 3759 दिव्यांग पेंशनधारक हैं।
जिला में 43 कुष्ठ रोगियों को भी सामाजिक सुरक्षा पेंशन उपलब्ध करवाई जा रही है। सोलन जिला में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत वृद्धावस्था पेंशनधारकों में 70 से 79 वर्ष आयुवर्ग में 13,010 तथा 80 वर्ष से अधिक के 1584 पेंशनधारक हैं। 60 से 69 वर्ष आयुवर्गमें 8120 पेंशनधारक हैं। प्रदेश सरकार के निर्णय स्वरूप सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों को अपै्रल, मई तथा जून माह की पेंशन एक साथ उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके लिए जिला को प्रदेश सरकार की और से 12 करोड़, 43 लाख, 74 हजार, 500 रुपए उपलब्ध करवाए गए हैं। अभी तक पैंशन के रूप में लगभग 11 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि का वितरण किया जा चुका है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मत्री डाॅ. राजीव सैजल जी ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के लगभग पांच लाख 34 हजार सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों को अप्रैल 2020 के पहले सप्ताह में ही प्रथम तिमाही की पैंशन जारी कर दी गई है। इसमें लगभग 01 लाख 25 हजार विधवा तथा दिव्यांगजन पेंशनधारक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इनकी मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन 850 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रूपये प्रतिमाह की गई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खतरे के दृष्टिगत मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर द्वारा लिए जा रहे दूरदर्शी निर्णय समाज के सभी वर्गों को राहत पंहुचाने की दिशा में मजबूत सहारा बनकर उभरे हैं।
जीवन के 80 बसन्त से अधिक देख चुके अर्की उपमण्डल की ग्राम पंचायत भूमति के बालक राम हों या फिर बरू देवी अथवा इसी ग्राम पंचायत के सल्याट गांव के दयाराम हों, सभी सरकार के घर-द्वार पर पेंशन पंहुचाने के निर्णय की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं। विधवा पेंशन प्राप्त कर रही डाडल गांव की कासु देवी का कहना है कि वह प्रदेश सरकार की धन्यवादी हैं कि ऐसे समय में हमारे घर पंहुचकर हमारी आवश्यकता को पूरा किया है। निःसन्देह प्रदेश सरकार का यह निर्णय मानवीय संवेदनाओं के साथ सामाजिक सरोकारों का पूरा करने की दिशा में अभूतपूर्व है। डाॅ. सैजल जी का कहना है कि कोरोना वायरस के खतरे के कारण राज्य सरकार लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं और गरीबों व जरूरतमंदों को समय रहते राहत प्रदान करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने डुंगयानी में आग की घटना में महिला के निधन पर शोक व्यक्त किया
राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय जी और मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने आज जिला शिमला के उप-मंडल रोहड़ू की तहसील चिड़गांव के डुंगयानी गांव में आग की घटना में 80 वर्षीय वृद्ध महिला की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल ने भगवान से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोकाकुल परिवार सदस्यों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने इस घटना में पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी है। उन्होंने घटना की सूचना मिलने के उपरांत जिला प्रशासन को तुरंत बचाव कार्य आरंभ करने तथा पीड़ित परिवारों के लिए आश्रय का प्रबन्धन करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस असहनीय दुख की घड़ी में शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। राज्य मुख्यालय में प्राप्त सूचना के अनुसार आग पर नियंत्रण कर लिया गया है तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में घटना स्थल पर बचाव तथा राहत कार्य किया जा रहा है। पीड़ित परिवारों को अंतरिम राहत प्रदान की गई है। उन्हें अन्य स्थान पर रखा गया है तथा सामुदायिक रसोई स्थापित की गई है।
खोली जाने वाली दुकानों में केवल 50 प्रतिशत कर्मचारी ही स्वीकार्य होंगे, जिन्हें मास्क पहनना तथा सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि यह छूट सेवाओं से संबंधित दुकानों के लिए नहीं, बल्कि सामान बेचने वाली दुकानों के लिए हैं। हिमाचल सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि ये छूट कंटेनमेंट जोन में लागू नहीं होंगी। शहरी क्षेत्रों में मार्केट या मार्केट परिसरों तथा शाॅपिंग माॅल में स्थित दुकानें बंद रहेंगी। कोविड-19 प्रबंधन संबंधी राष्ट्रीय निर्देशों के अनुसार शराब तथा अन्य निर्दिष्ट वस्तुओं की बिक्री भी बंद रहेगी। इसके अतिरिक्त लाॅकडाउन अवधि के दौरान रेस्टाॅरेंट, सैलून तथा नाई की दुकानें भी बंद रहेंगी।
फैक्टरी सील करने तथा सीईओ को कैद का कोई प्रावधान नहीं: प्रदेश सरकार
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों से संबंधित अफवाहों के कारण औद्योगिक क्षेत्र तथा आमजन में भ्रांति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि फैक्टरी में कर्मचारी के कोविड-19 पाॅजिटिव पाए जाने की स्थिति में राज्य सरकार द्वारा कानूनी कार्रवाई के तहत तीन माह के लिए फैक्टरी सील करने या मुख्य कार्यकारी अधिकारी को कैद करने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत बचाव कार्यों की पालना न करने की स्थिति में फैक्टरी को दो दिन के लिए बंद किया जाए तथा केवल पूर्ण अनुपालना के उपरांत ही पुनः खोला जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी अफवाहें तथ्यहीन हैं।
दिशा-निर्देशों के अनुसार औद्योगिक तथा व्यवसायिक इकाइयों को कार्य स्थलों पर स्टैंडर्ड हैल्थ प्रोटोकाॅल तथा सामाजिक दूरी का पालन करना आवश्यक है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि 15 अप्रैल, 2020 को जारी समेकित संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत पहले से दी गई छूट जारी रहेंगी, बशर्ते छूट वाली गतिविधि कंटेनमेंट जोन में शामिल हैं। इसलिए 15 अप्रैल, 2020 से पहले कंटेनमेंट जोन से बाहर के क्षेत्रों में शामिल जिन उद्योगों को चलाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी, उन्हें प्राधिकारियों से अलग से नई स्वीकृतियां प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है।
सोलन जिला में 84 प्रतिशत लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की गई
कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत प्रदेश के सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों को वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही की एकमुश्त पेंशन प्रदान करने के राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार सोलन जिला में 84 प्रतिशत पेंशनधारकों को डाक विभाग के माध्यम से घर-द्वार पर पेंशन उपलब्ध करवाई जा चुकी है। सोलन जिला में वर्तमान में कुल 33,940 सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारक हैं, जिनमें से अभी तक लगभग 84 प्रतिशत व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्ष पैंशन प्रदान की जा चुकी है। जिला के कुल सामाजिक पेंशनधारकों में 22,714 वृद्धावस्था, 7424 विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, 3759 दिव्यांग पेंशनधारक हैं।
जिला में 43 कुष्ठ रोगियों को भी सामाजिक सुरक्षा पेंशन उपलब्ध करवाई जा रही है। सोलन जिला में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत वृद्धावस्था पेंशनधारकों में 70 से 79 वर्ष आयुवर्ग में 13,010 तथा 80 वर्ष से अधिक के 1584 पेंशनधारक हैं। 60 से 69 वर्ष आयुवर्गमें 8120 पेंशनधारक हैं। प्रदेश सरकार के निर्णय स्वरूप सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों को अपै्रल, मई तथा जून माह की पेंशन एक साथ उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके लिए जिला को प्रदेश सरकार की और से 12 करोड़, 43 लाख, 74 हजार, 500 रुपए उपलब्ध करवाए गए हैं। अभी तक पैंशन के रूप में लगभग 11 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि का वितरण किया जा चुका है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मत्री डाॅ. राजीव सैजल जी ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के लगभग पांच लाख 34 हजार सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों को अप्रैल 2020 के पहले सप्ताह में ही प्रथम तिमाही की पैंशन जारी कर दी गई है। इसमें लगभग 01 लाख 25 हजार विधवा तथा दिव्यांगजन पेंशनधारक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इनकी मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन 850 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रूपये प्रतिमाह की गई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खतरे के दृष्टिगत मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर द्वारा लिए जा रहे दूरदर्शी निर्णय समाज के सभी वर्गों को राहत पंहुचाने की दिशा में मजबूत सहारा बनकर उभरे हैं।
जीवन के 80 बसन्त से अधिक देख चुके अर्की उपमण्डल की ग्राम पंचायत भूमति के बालक राम हों या फिर बरू देवी अथवा इसी ग्राम पंचायत के सल्याट गांव के दयाराम हों, सभी सरकार के घर-द्वार पर पेंशन पंहुचाने के निर्णय की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं। विधवा पेंशन प्राप्त कर रही डाडल गांव की कासु देवी का कहना है कि वह प्रदेश सरकार की धन्यवादी हैं कि ऐसे समय में हमारे घर पंहुचकर हमारी आवश्यकता को पूरा किया है। निःसन्देह प्रदेश सरकार का यह निर्णय मानवीय संवेदनाओं के साथ सामाजिक सरोकारों का पूरा करने की दिशा में अभूतपूर्व है। डाॅ. सैजल जी का कहना है कि कोरोना वायरस के खतरे के कारण राज्य सरकार लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं और गरीबों व जरूरतमंदों को समय रहते राहत प्रदान करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने डुंगयानी में आग की घटना में महिला के निधन पर शोक व्यक्त किया
राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय जी और मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने आज जिला शिमला के उप-मंडल रोहड़ू की तहसील चिड़गांव के डुंगयानी गांव में आग की घटना में 80 वर्षीय वृद्ध महिला की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल ने भगवान से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोकाकुल परिवार सदस्यों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने इस घटना में पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी है। उन्होंने घटना की सूचना मिलने के उपरांत जिला प्रशासन को तुरंत बचाव कार्य आरंभ करने तथा पीड़ित परिवारों के लिए आश्रय का प्रबन्धन करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस असहनीय दुख की घड़ी में शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। राज्य मुख्यालय में प्राप्त सूचना के अनुसार आग पर नियंत्रण कर लिया गया है तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में घटना स्थल पर बचाव तथा राहत कार्य किया जा रहा है। पीड़ित परिवारों को अंतरिम राहत प्रदान की गई है। उन्हें अन्य स्थान पर रखा गया है तथा सामुदायिक रसोई स्थापित की गई है।
courtesy: CMO Himachal Pradesh
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