मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने देश तथा प्रदेश में कोरोना वायरस के दृष्टिगत उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए आज शिमला से प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में दिल्ली की निजामुद्दीन तबलीगी जमात के कोरोना वायरस के लक्षणों वाले व्यक्तियों का पता लगाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त इन जमातियों के नजदीकी लोगों का भी पता लगाया जाए, जिनके कारण देश तथा प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने लोगों की सुविधा के लिए खुले बाजारों में आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नागरिक आपूर्ति निगम के डिपो में बफर स्टाॅक सुनिश्चित करवाने के प्रयास भी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जमाखोरी और मुनाफाखोरी को रोकने तथा दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को अन्य राज्यों से आवश्यक वस्तुएं तथा अन्य सामग्री लाने वाले वाहनों और चालकों व परिचालकों को प्रदेश की सीमा पर सेनेटाइज करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फसल कटाई का समय होने के दृष्टिगत कर्फ्यू के दौरान किसानों को सुविधा प्रदान करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। इस संबंध में एक ऐसी प्रणाली बनाई जानी चाहिए, जिससे कि किसानों को समस्या न आए। उन्होंने कहा कि फसल कटाई के दौरान किसानों को सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों तथा बागवानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बागवानी विभाग को बागवानों को घरद्वार के समीप अथवा गांव के आधार पर कीटनाशक, खाद तथा पौधों के संरक्षण की अन्य सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक्टिव केस फाईंडिंग अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर 50 लाख से अधिक व्यक्तियों की स्वास्थ्य जानकारी प्राप्त की जा चुकी है। उन्होंने अधिकारियों को इस अभियान के दलों को सुरक्षा उपकरण, मास्क तथा दस्ताने प्रदान करने के निर्देश दिए ताकि वे बिना किसी डर के अपना दायित्व प्रभावी रूप से निभा सकें। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के दृष्टिगत तैनात पुलिस कर्मियों तथा अन्य अधिकारियों तथा कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण प्रदान करने पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस के दृष्टिगत 4855 व्यक्तियों को निगरानी में रखा गया है, जिसमें से 2387 व्यक्तियों ने 28 दिनों की निगरानी अवधि पूर्ण कर ली है। उन्होंने कहा कि आज कोविड-19 के लिए 128 व्यक्तियों की जांच की गई, जिसमें से 102 सैंपल नेगिटिव पाए गए तथा 26 सैंपलों की रिपोर्ट अभी बाकी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री आर.डी. धीमान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस के लिए अभी तक 662 व्यक्तियों की जांच की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि 609 व्यक्तियों की रिपोर्ट नेगटिव पाई गई है तथा 27 व्यक्तियों की रिपोर्ट पाॅजिटिव पाई गई है, जिसमें से दो व्यक्तियों को नेगेटिव पाये जाने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त चार व्यक्ति प्रदेश से बाहर उपचाराधीन है तथा एक व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने कहा कि शेष 20 व्यक्ति प्रदेश के अस्पतालों में उपचाराधीन है।
स्वास्थ्य कार्यकताओं के लिए स्वयं सहायता समूह बना रहे हैं पीपीई किट
आज सम्पूर्ण विश्व कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई कर रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को समय पर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई किट) उपलब्ध करवाना मुख्य चुनौती है। संकट की इस घड़ी में प्रदेश के स्वंय सहायता समूहों ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए पहल की है। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री वीरेंद्र कंवर ने आज यहां बताया कि प्रदेश में 50 से अधिक स्वयं सहायता समूह प्रतिदिन लगभग 15 हजार मास्क तैयार कर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान दे रहे हैं। विभिन्न स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से 2000 महिलाएं इस कार्य में जुटी हैं। इन स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार लगभग एक लाख मास्क विभिन्न विभागों और संगठनों को प्रदान किए जा चुके हैं और मास्क बनाने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। 3000 महिला किसानों को न्यूनतम भूमि का उपयोग करके किचन गार्डन विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि सब्जियों का उत्पादन किया जा सके। 11 युवा पेशेवरों को इन महिला किसानों का मार्गदर्शन करने और उनकी उपज का विपणन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि उन्हें उचित मूल्य मिल सके। सिरमौर जिले में एक स्वंय सहायता समूह ने एक सेनिटाइजर तैयार किया है, जिसकी कीमत सौ रुपये प्रति 200 मिलीलीटर है। स्वयं सहायता समूहों को और अधिक मास्क तैयार करने के लिए प्रशिक्षित करने पर बल दिया जा रहा है। निदेशक ग्रामीण विकास और आजीविका मिशन के राज्य प्रमुख श्री ललित जैन ने कहा कि ऐसे स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण किट की कीमत कुल 700 रुपये है। उन्होंने कहा कि तीन और स्वंय सहायता समूहों को प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे प्रतिदिन 100 किट तैयार कर सकें।
प्रदेश में सहायता के लिए विभिन्न संस्थाओं ने दिया योगदान
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी को आज यहां शिमला कालीबाड़ी मंदिर की ओर से ‘हि.प्र. कोविड-19 साॅलिडेरिटी रिस्पाॅंस फंड’ के लिए 25 लाख रुपये का चैक भेंट किया गया। हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामसुभग सिंह ने मुख्यमंत्री को हिमाचल प्रदेश पावर काॅरपोरेशन लिमिटेड के स्टाफ की ओर से 11 लाख रुपये जबकि हिमाचल प्रदेश पावर ट्रांसमिशन काॅरपोरेशन केे कर्मचारियों की ओर से 3,78,700 रुपये के चैक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए भेंट किये। प्रबन्ध निदेशक, लाॅरिएट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट, भराड़ी, शिमला के प्रोफेसर श्री रण सिंह ने मुख्यमंत्री को ‘हि.प्र. कोविड-19 साॅलिडेरिटी रिस्पाॅंस फंड’ के लिए एक लाख रुपये का अंशदान दिया। मुख्यमंत्री ने इन उदार योगदानों के लिए आभार व्यक्त किया।
courtesy: CMO Himachal Pradesh
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