रामपुर बुशहर-कोरोना वायरस को लेकर चल रहे लॉकडाउन में जरूरतमंद और गरीब लोगों को मुफ्त में राशन मुहैया करवाया जा रहा है, लेकिन कई शातिर फ्री राशन के चक्कर में बार बार प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं। ऐसी ही वास्तुस्थिति को जानने मंगलवार को तहसीलदार के नेतृत्व में एक टीम नीरथ पहुंची जहां से फोन आया था कि वहां पर प्रवासी मजदूरों के पास खाने के लिए कुछ नहीं है। जब इस बारे में जांच की गई तो उनके पास 50 हजार का चैक और पर्याप्त मात्रा में राशन मिला। ऐसे में इस लॉकडाउन का कई शातिर फायदा भी उठा रहे हैं। प्रशासन ने कहा कि उन्होंने जरूरतमंदों की लिस्ट बनाई है। ऐसे में अभी गत सप्ताह ही उन लोगों को खाद्य सामग्री वितरित की गई थी, जबकि प्रशासन को सूचित किए बिना भी कुछ लोगों ने अपने स्तर पर कई जरूरतमंद लोगों को राशन उपलब्ध करवाया। ऐसे में एक सप्ताह में भी पूरा राशन खत्म हो जाना प्रश्न खड़े करता है। इसे लेकर अब प्रशासन सतर्क हो गया है। यानी अब जो भी जरूरतमंद खाद्य सामग्री की मांग करेगा तो उसकी पूरी जांच होगी कि वह असल में जरूतरमंद है या सिर्फ ढोंग कर रहा है। अभी तक रामपुर में स्वंयसेवी संस्थाओं के माध्यम से करीब सौ से ज्यादा परिवारों को स्थानीय प्रशासन की निगरानी में करीब एक सप्ताह का राशन बांटा जा चुका है। प्रशासन ने जरूरतमंद लोगों को साफ कहा है कि वह कार्यालय में न आएं। इस बारे में तहसीलदार रामपुर विपिन ठाकुर ने बताया कि कोई भी व्यक्ति सीधे तौर पर कहीं पर भी राशन न बांटे। पहले प्रशासन को इस बारे में सूचित करे और प्रशासन के पास राशन की एंट्री करवा कर ही सामान को निगरानी में बांटा जाए। उन्होंने बताया कि जरूरतमंद लोगों की बाकायदा पहचान की जा रही है, उसके बाद ही राशन दिया जा रहा है। मंगलवार को नीरथ में सूचना मिलने के बाद टीम मौके पर गई तो मजदूरों के पास नकद राशि भी मिली, पचास हजार का चैक मिला और करीब डेढ़ लाख रुपए की लेनदारी का हिसाब भी मिला है।
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