मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने जिला प्रशासनों को दिए निर्देश
हिमाचल सरकार ने राज्य में वरिष्ठ नागरिकों एवं आम लोगों की सुविधा तथा प्रातः भ्रमण के लिए कर्फ्यू के दौरान रविवार से प्रातः 5ः30 से 7 बजे तक प्रतिदिन छूट देने का निर्णय लिया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कोविड-19 के दृष्टिगत आज शिमला से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान दी। राज्य सरकार ने कर्फ्यू के दौरान वर्तमान में 3 घंटों के बजाए सोमवार से 4 घंटों की छूट देने का निर्णय लिया है (जिला शिमला में मॉर्निंग वॉक की समय सीमा सुबह 06ः00 से 8ः00 बजे तक रहेगी)। इस निर्णय से न केवल सामाजिक दूरी बनाए रखने में सहायता मिलेगी, बल्कि दुकानों पर भीड़ भी कम होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कर्फ्यू के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है तथा 3 मई के बाद लाॅकडाउन खुलने के उपरांत आर्थिक गतिविधियों को पुनः सुचारू बनाने के लिए एक उपयुक्त योजना बनाना महत्वपूर्ण है।
प्रदेश के बाहर फंसे हिमाचालियों की हरसंभव सहायता करेगी सरकार
वापस आने वालों की होगी चिकित्सा जांच व रखा जाएगा क्वारन्टीन
क्लीनिक चलाने वालों को नहीं होगी कर्फ्यू पास की आवश्यकता
इन ट्रकों की आवाजाही को मिलेगी स्वीकृति
हिमाचलियों की सुविधा हेतु अन्य राज्यों द्वारा दिए गए पास स्वीकार्य होंगे
प्रवासी मजदूरों का सहारा बना जिला प्रशासन किन्नौर
मजदूरों की वेदना पर लगाया मरहम
दिल्ली व यूपी से आजीविका कमाने आए नागरिकों को प्रदान की निशुल्क व्यवस्था
सैंकड़ों नागरिकों को प्रदान की जा रही निशुल्क खाद्य वस्तुएं
रिकांगपियो में फंसे लोगों के लिए स्थापित किया नियंत्रण कक्ष
चैपाल क्षेत्र के लोगों ने कोविड-19 फंड में दिया 28 लाख रुपए का अंशदान
प्रेस क्लब शिमला ने मुख्यमंत्री के समक्ष रखी बीमा कवर प्रदान करने की मांग
हिमाचल सरकार ने राज्य में वरिष्ठ नागरिकों एवं आम लोगों की सुविधा तथा प्रातः भ्रमण के लिए कर्फ्यू के दौरान रविवार से प्रातः 5ः30 से 7 बजे तक प्रतिदिन छूट देने का निर्णय लिया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कोविड-19 के दृष्टिगत आज शिमला से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान दी। राज्य सरकार ने कर्फ्यू के दौरान वर्तमान में 3 घंटों के बजाए सोमवार से 4 घंटों की छूट देने का निर्णय लिया है (जिला शिमला में मॉर्निंग वॉक की समय सीमा सुबह 06ः00 से 8ः00 बजे तक रहेगी)। इस निर्णय से न केवल सामाजिक दूरी बनाए रखने में सहायता मिलेगी, बल्कि दुकानों पर भीड़ भी कम होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कर्फ्यू के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है तथा 3 मई के बाद लाॅकडाउन खुलने के उपरांत आर्थिक गतिविधियों को पुनः सुचारू बनाने के लिए एक उपयुक्त योजना बनाना महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि प्रदेश के बाहर फंसे लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। प्रदेश वापस आने के इच्छुक लोगों को सुविधा प्रदान करना सुनिश्चित किया जाएगा। इन लोगों को प्रदेश में आने के उपरांत पूरी चिकित्सा जांच करवानी होगी तथा परिस्थिति के आधार पर संस्थागत या होम क्वारन्टीन में रहना होगा। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों को ऐसे व्यक्तियों की सूचना प्रदान की जानी चाहिए तथा उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि संबंधित व्यक्ति क्वारन्टीन में रहे। उन्होंने कहा कि उनके लिए प्रदेश के लोगों की सुरक्षा तथा स्वास्थ्य बेहद महत्वपूर्ण है तथा इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएं, ताकि प्रदेश में वापिस आने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि अन्य राज्यों से वापस आने वाले हिमाचल प्रदेश के विद्यार्थियों की भी चिकित्सा जांच की जानी चाहिए तथा उन्हें होम क्वारन्टीन में रखा जाए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार प्रदेश में फंसे अन्य राज्यों के लोगों को भी उनके संबंधित राज्यों में जाने के लिए सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में प्रवेश करने वाले लोगों को आरोग्य सेतु ऐप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करने को कहा जाए।
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि संबंधित उपायुक्त यह सुनिश्चित बनाए कि सभी निजी अस्पतालों तथा क्लीनिकों को सुचारू रूप से चलाया जाए। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए उन्हें कर्फ्यू पास बनाने के लिए बाध्य न किया जाए, बल्कि ऐसे संस्थानों के प्रमुख द्वारा प्रमाणित पहचान-पत्र भी स्वीकार्य हो। इससे न केवल लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में सहायता मिलेगी, बल्कि प्रमुख सरकारी अस्पतालों में भीड़ भी कम होगी।
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने खनन स्थलों से परियोजना क्षेत्रों तक निर्माण सामग्री ले जाने वाले ट्रकों की अंतर-जिला आवाजाही को स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्माण स्थलों तक सड़क निर्माण मशीनरी की अंतर-जिला आवाजाही को भी स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने उपायुक्तों को निर्माण स्थलों पर लोक निर्माण विभाग के संबंधित फील्ड स्टाफ को आने-जाने की स्वीकृति देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव श्री अनिल खाची ने कहा कि अन्य राज्यों से प्रदेश पहुंचने वाले लोगों को कोरोना वायरस से बचाव उपायों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए अन्य राज्यों के जिला दंडाधिकारियों द्वारा प्रदान किए गए पास स्वीकार्य होंगे। पुलिस महानिदेशक श्री एस.आर. मरडी ने कहा कि लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर जाने के लिए मास्क या फेस कवर पहनने के लिए प्रेरित किया जाए। प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग श्री जे.सी. शर्मा ने कहा कि सड़क निर्माण व मुरम्मत कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों के श्रमिकों को आवाजाही के लिए अनुमति दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री संजय कुंडू ने कहा कि जिला के भीतर आवाजाही के लिए विशेषकर ग्रीन जिलों में उदारतापूर्ण आधार पर पास प्रदान किए जाए।
प्रदेश सरकार वहन करेगी तेलंगाना में कार्यरत हिमाचली व्यक्ति की सर्जरी का खर्च
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने तेलंगाना प्रशासन को हमीरपुर जिले के टौणीदेवी के ललियार गांव निवासी ललित कुमार की सहायता करने के लिए धन्यवाद किया, जो कर्फ्यू के कारण कुकटपल्ली में फंसे हुए थे और वहां ओमानी अस्पताल में उनकी एपेन्डेक्टाॅमी की सर्जरी की गई। मुख्यमंत्री ने तेलंगाना पुलिस के इंस्पेक्टर बी.लक्ष्मी नारायण रेड्डी की भी सराहना की जिन्होंने मानवता का सर्वोच्च उदाहरण स्थापित करते हुए सर्जरी के लिए अपनी जेब से 20,000 रुपए अस्पताल अधिकारियों को दिए। तेलंगाना प्रशासन द्वारा निरीक्षक की तैनाती, ललित कुमार की मदद करने के लिए की गई थी। बी. लक्ष्मी नारायण रेड्डी द्वारा ललित कुमार को अस्पताल में भर्ती करने और जरूरत के समय 20,000 रुपये की सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा प्रशंसा पत्र जारी किया गया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि तेलंगाना के कुकटपल्ली में काम करने वाले ललित कुमार ने इस माह 16 अप्रैल को आपदा प्रबंधन के तहत काॅविड हेल्पलाइन पर काॅल की थी। अस्पताल ने ललित की शल्य चिकित्सा का बिल 60,000 रुपये बनाया। ललित की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार के अनुरोध के बाद अस्पताल के अधिकारियों ने बिल की राशि को 35,000 रूपये कर दिया। राज्य सरकार ने ललित कुमार के ईलाज पर खर्च हुए 35,000 रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन करने का निर्णय लिया है।जिला प्रशासन किन्नौर कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए प्रदेश में कर्फ्यू के दौरान मजदूरों विशेषकर प्रवासी मजदूरों को राहत प्रदान करने के लिए तत्परता से कार्य कर रहा है। जरूरतमंद प्रवासी मजदूरों की पहचान कर उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है। जिन मजदूरों व कामगारों के पास रहने के लिए कोई स्थान नहीं है, उन्हें जिला प्रशासन द्वारा रहने व भोजन की सुविधा प्रदान की जा रही है। जिला के कल्पा स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला तथा रल्ली में प्रवासी मजदूरों के लिए राहत शिविर स्थापित किये गये हैं, जहां उन्हें खाद्य सामग्री के साथ अन्य मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं। जिला के कल्पा स्थित राहत शिविर में शुरुआत में 15 प्रवासी मजदूरों को रखा गया था और वर्तमान में सात नेपाली मजदूर इस राहत शिविर में ठहरे हुए है। रल्ली स्थित राहत शिविर में भी आठ प्रवासी मजदूर रह रहे है।
कल्पा स्थित राहत शिविर में ठहरे नेपाली मूल के मजदूर दिल बहादुर व राजन ने बताया कि जो ठेकेदार उन्हें यहां लाया था, वह लाॅकडाउन होने के कारण किन्नौर नहीं आ पा रहा है। उनके पास यहां ठहरने के लिए न कोई स्थान था तथा पैसे भी खत्म हो गये थे। ऐसी आपात स्थिति में उन्होंने जिला प्रशासन से संपर्क किया तथा जिला प्रशासन तुरन्त सहायता के लिए आगे आया ओर उन्हें कल्पा स्थित पाठशाला में ठहराया गया। उन्होंने जिला प्रशासन का इस संकट की घड़ी में सहायता के लिए आभार व्यक्त किया है।
इसी प्रकार, स्टोव तथा प्रेशर कुकर की मरम्मत करके आजीविका कमा रहे दिल्ली के अमर चन्द और उत्तर प्रदेश के मुन्ना ने बताया कि अचानक लाॅकडाउन के कारण सारा काम रूक गया तथा वे संकट में आ गए। मुन्ना व अमर चन्द ने बताया कि जिला प्रशासन ने तत्काल उनके खाने की व्यवस्था की और निःशुल्क खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई। उन्होंने जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। जिला दण्डाधिकारी किन्नौर श्री गोपाल चन्द ने कहा कि जिले में रोजी रोटी कमाने आये प्रवासी मजदूरों को हर सम्भव सहायता प्रदान की जा रही है तथा ऐसे मजदूरों को चिन्हित किया गया है, जिनके पास ठहरने व भोजन की सुविधा नहीं है।
सैंकड़ों नागरिकों को प्रदान की जा रही निशुल्क खाद्य वस्तुएं
मौजूदा समय में किन्नौर जिले में स्थापित राहत शिविरों में 15 व्यक्तियों को रखा गया है, जहां उन्हें भोजन सहित सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही है। इसके अलावा जिले में 931 प्रवासी मजदूरो को खाद्य सामग्री प्रदान की जा रही हैं, जिनमें पूह में 94, कल्पा में 179, सांगला में 28 तथा भावानगर मेें 630 मजदूर शामिल है। जिला प्रशासन द्वारा अभी तक इन प्रवासी जरूरतमंद मजदूरों को 2233.9 किलोग्राम चावल, 2205.6 किलोग्राम आटा, 561.45 किलोग्राम दालें, दो रसोई गैस सिलेंडर, 446 पैकेट हल्दी पाउडर, 270 पैकेट नमक 40 किलोग्राम मसाले, 198 नहाने का साबुन, 142 किलोग्राम, आलू, 48 किलोग्राम प्याज, 316 लीटर रिफाईंड तेल, 20 लीटर मिट्टी तेल, 198 कपड़े धोने के साबुन तथा 7 किलोग्राम चीनी निःशुल्क वितरित की गई है।
जिला प्रशासन ने जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में फंसे लोगों की सहायता के लिए नियन्त्रण कक्ष स्थापित किया है, जिसके दूरभाष नम्बर-01786-223151, 223152, 223153, 223154, 223155 हैं। नियन्त्रण कक्ष चैबीस घंटे कार्य कर रहा है। इसके अलावा व्हाट्सऐप नम्बर 8580819827 भी जारी किया गया है, जिस पर संपर्क किया जा सकता है।
जिला शिमला के चैपाल क्षेत्र के लोगों ने मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी को आज विभिन्न कोविड-19 फंड के लिए 28.41 लाख रुपये के चैक भेंट किए। मुख्यमंत्री को एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड के लिए उत्तेज सिंह ने 15,01,000 रुपये, चौपाल के विधायक बलबीर सिंह वर्मा ने 1.21 लाख रुपये, मां कधासन गांव देउठी (बलसन) ने 51 हजार रुपये, चूड़ेश्वर सेवा समिति चैपाल ने 5.51 लाख रुपये, मैसर्ज अन्नपूर्णा एप्पल एसोसिएटस में 51 हजार, गांव मड़ावग के राकेश छाजटा ने 40 हजार रुपये, मुस्लिम सिटीजन ग्रुप कुम्दा देवट ने 35,500 रुपये, कमला चौहान ने 21,000 रुपये तथा चूड़ेश्वर स्पोर्टस एंड कल्चरल क्लब चैपाल ने 21,000 रुपये के चैक भेंट किये।
चौपाल के विधायक श्री बलबीर सिंह वर्मा ने कोविड-19 पीएम केयर्ज फंड के लिए भी 1.11 लाख रुपये का अंशदान दिया। त्रिलोक सिंह राठौर एंड एसोसिएट ने दो लाख रुपये तथा मड़ावग गांव के राकेश छाजटा ने भी इस फंड के लिए 11,000 रुपये का अंशदान दिया। इसके अतिरिक्त एसडीएम चैपाल कोविड-19 केयर फंड के लिए त्रिलोक सिंह राठौर एंड एसोसिएट ने 1.78 लाख रुपये तथा बलबीर सिंह वर्मा ने 51,000 रुपये का अंशदान दिया।
प्रेस क्लब शिमला के पदाधिकारियों ने क्लब के अध्यक्ष श्री अनिल भारद्वाज की अगुवाई में आज मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी से भेंट कर हिमाचल प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त तथा गैर मान्यता प्राप्त प्रिंट, इलैक्ट्राॅनिक व वेब पोर्टल मीडिया कर्मियों को कोविड-19 महामारी के कारण बीमा कवर प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे मीडिया कर्मियों की कोरोना जांच भी करवाई जाए। मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
courtesy: CMO Himachal Pradesh
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