मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से किया 27 परियोजनाओं के लिए 536 करोड़ स्वीकृत करने का आग्रह


मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी जी से प्रदेश की भौगोलिक परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के लिए केंद्रीय सड़क विनिर्माण निधि के तहत 27 परियोजनाओं के लिए 563 करोड़ रुपये समयबद्ध तरीके से स्वीकृत करने का आग्रह किया है। इन परियोजनाओं में 17 सड़कें और 10 पुल शामिल हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने आज वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी एवं अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और लोक निर्माण एवं परिवहन मंत्रियों के साथ बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाहनों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए शिमला-मटौर और पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव और सामयिक नवीकरण महत्वपूर्ण है और इसे समय पर सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से इस कार्य को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त निधि उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि 97 किलोमीटर के सैंज-औट राष्ट्रीय राजमार्ग-305 सहित जलोड़ी सुरंग को विश्व बैंक हरित राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के अंतर्गत लाया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने केंद्रीय मंत्री का विश्व बैंक हरित राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत पांवटा साहिब-गुम्मा-फेडस पुल सड़क के लिए 1486 करोड़ रुपये तथा हमीरपुर-मंडी सड़क के लिए 1112 करोड़ रुपये स्वीकृत करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने केंद्र सरकार का 205 किलोमीटर समधो-काजा-ग्रामफू राष्ट्रीय राजमार्ग-505 के विकास एवं रखरखाव करने के लिए इसे प्रदेश सरकार को सौंपने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा इन क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से प्रदेश के 69 राजमार्गों की शीघ्र स्वीकृति का आग्रह किया, ताकि इन पर कार्य जल्द ही शुरू किया जा सके। उन्होंने केंद्रीय मंत्री का प्रदेश के लिए 25 राष्ट्रीय राजमार्गों की स्वीकृति के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भारत सरकार को प्राथमिकता सूची भी प्रदान की है और केंद्र सरकार सेे इन प्रस्तावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि कोविड-19 महामारी और लाॅकडाउन के उपरांत भारत सरकार द्वारा सामाजिक दूरी और अन्य दिशा-निर्देशों का पालन करने हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11 परियोजनाओं पर कार्य आरंभ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में सात परियोजनाओं पर भी कार्य आरंभ किया गया है। इस कार्य के लिए लगभग 200 मजदूरों को लगाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कार्यालय को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है, ताकि राज्य में एनएचएआई द्वारा चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाई जा सके। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से मनाली टोल बैरियर के युक्तिकरण का भी आग्रह किया, क्योंकि इससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी जी ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि प्रदेश की विभिन्न मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने राजमार्ग में मालवाहक वाहनों के सुचारू संचालन पर भी बल दिया, क्योंकि सड़क परिवहन मंत्रालय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के भारत को पांच ट्रिलियिन डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से असंगठित एवं अन्य कामगारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए विशेष अध्यादेश पारित करने का आग्रह किया
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार द्वारा विशेष अध्यादेश पारित किया जाए, ताकि भवन एवं अन्य कामगार कल्याण बोर्ड के पास उपलब्ध धनराशि को असंगठित एवं अन्य कामगारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रयोग में लाया जा सके। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं निर्माण कल्याण बोर्ड के पास लगभग 582 करोड़ रूपये की राशि उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रवासी व असंगठित क्षेत्र के कामगारों की संख्या बहुत अधिक है तथा प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए गरीब मजदूरों की सहायता में कमी अनुभव की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भवन एवं अन्य निर्माण कामगार अधिनियम, 1996 व उपकर अधिनियम के अन्तर्गत इस राशि को भवन एवं अन्य कामगार के कल्याण के लिए उपयोग का प्रावधान है, परन्तु इसे केवल पंजीकृत कामगारों के लिए ही प्रयोग में लाया जा सकता है, जैसा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय का भी आदेश है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के औद्योगिक एवं अन्य सभी क्षेत्रों में कार्यरत कामगारों को न्यूनतम वेतन एवं आधारभूत सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भवन एवं निर्माण कामगार कल्याण निधि द्वारा पंजीकृत भवन एवं निर्माण कामगारों को 2000 रूपये मार्च व अप्रैल माह के लिए स्वीकृत किए हैं तथा यह राशि उनके बैंक खातों में सीधे स्थानांतरित की जा रही है।


courtesy: CMO Himachal Pradesh

Post a Comment

Latest
Total Pageviews