मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने आज ‘‘जल जीवन मिशन’’ की समीक्षा हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आरम्भ जल जीवन मिशन का उद्देश्य न केवल सभी घरों को नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना है, बल्कि स्थानीय जल स्रोतों के उचित प्रबंधन को बढ़ावा देना भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय प्रदेश के लगभग 57 प्रतिशत घरों को कवर किया जा चुका था। उन्होंने कहा कि योजना का फोकस पेयजल आपूर्ति लाइनों के आधारभूत ढ़ाचे को मजबूत करके 31 अगस्त, 2022 तक सभी 16,68,523 घरों में नल के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाना है। एक अप्रैल, 2020 तक लगभग 7,47,794 घरों को घरेलू नल कनेक्शन दिए गए हैं और इस वित्तीय वर्ष के दौरान 2,44,351 घरों को पानी के कनेक्शन उपलब्ध करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कृतसंकल्प
लक्ष्मीदत्त शर्मा ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 11 लाख का अंशदान किया
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि ‘‘जल जीवन मिशन’’ के तहत राज्य को वर्ष 2019-20 के दौरान 228.67 करोड रुपये प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन को सफल बनाने के लिए प्रदेश को एक अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक 1710 करोड़ रुपये, एक अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक 1531 करोड़ रुपये के अलावा एक अप्रैल, 2022 से 31 अगस्त, 2022 तक 1030 करोड़ रुपये की आवश्यकता है ताकि निर्धारित लक्ष्य को समय पर प्राप्त किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019-20 से पहले 132 योजनाओं के लिए 130.32 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जबकि 838.9 करोड रुपये की 223 योजनाएं 2019-20 के दौरान 15 मार्च, 2020 तक अवार्ड की गई हैं। उन्होंने कहा कि 392.83 करोड़ रुपये की 61 योजनाओं के लिए टैंडर प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत वाली 306 योजनाओं की डीपीआर तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना के शुरू होने के बाद राज्य में घरों के नल कनेक्शनों का दायरा 56.27 प्रतिशत से बढ़कर 68.22 प्रतिशत हो गया है, जिसमें 11.95 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय औसत की तुलना में 3.63 प्रतिशत अधिक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने राज्य के ‘ओवरऑल प्रदर्शन की सराहना की है और राज्य को केंद्र सरकार से 57 करोड़ रुपये प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त अनुदान प्राप्त हुआ है। जल शक्ति मंत्री श्री महेन्द्र सिंह ठाकुर जी ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि घरेलू नल कनेक्शन तीन स्तर पर दिए जाएंगे जिसमें रसोईघर, स्नान और कपड़े धोने के लिए और शौचालय शामिल है। उन्होंने कहा कि घरेलू नल कनेक्शन लगाने के लिए लाभार्थियों से केवल 100 रुपए का योगदान लिया जाएगा। सचिव जल शक्ति विभाग डाॅ आर.एन. बत्ता ने जल जीवन मिशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने आइसोलेशन केंद्रों के लिए प्रभावी योजना बनाने के निर्देश दिएमुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने आज कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और राज्य के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करते हुए निर्देश दिए कि सभी जिलों में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आइसोलेशन केंद्रों के लिए प्रभावी और व्यवस्थित योजना तैयार की जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों से आवाजाही को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाए ताकि कोरोना वायरस को राज्य के अन्य हिस्सों में फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि सभी क्वारंटीन केंद्रों को संबंधित विभागों को सौंपने से पहले उन्हें अच्छी तरह से सेनेटाइज किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ हमारी पहली लड़ाई है, लेकिन इसके साथ ही स्थितियों को ध्यान में रखते हुए आर्थिक गतिविधियां आरंभ करना भी आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि होम क्वारंटीन को और प्रभावी बनाने के लिए ऐसा तंत्र विकसित किया जाना चाहिए ताकि होम क्वारंटीन में रखे गए लोगों पर कड़ी नजर रखी जा सके और इसका किसी भी प्रकार का उल्लंघन न हो सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला के भीतर मरीजों और किसानों की आवाजाही की आज्ञा दी जानी चाहिए ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि इस प्रकार की आवाजाही पर कड़ी नजर भी रखी जानी चाहिए ताकि इस सुविधा का कोई अनुचित लाभ न उठा सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसानों को फसल कटाई के दौरान सामाजिक दूरी बनाएं रखने के प्रति भी जागरूक किया जाना चाहिए तथा कहा कि किसानों के उत्पाद की खरीद की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने आज निदेशक ग्रामीण विकास विभाग ललित जैन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब परिवारों के लिए ‘‘आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज’’ प्रदान करने बारे दी गई प्रस्तुति के अवसर पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान अथवा इसके उपरांत गांव में स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियां सृजित करने में ग्रामीण विकास विभाग को अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा लगभग पांच लाख मास्क और लगभग 1000 व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण किट बनाकर कोरोना योद्धाओं की मदद करने में पहल की है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, मिशन के तहत 1250 लीटर हैंड सैनिटाइजर का भी उत्पादन किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि कोरोना महामारी के उपरांत मिशन के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए अनेक गतिविधियां आरंभ करने की विस्तृत कार्य योजना प्रस्तावित की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी ही एक योजना ‘महिला किसानश् के तहत किचन गार्डन विकसित करने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षित कर लगभग एक बीघा जमीन के लिए कृषि और बागवानी विभागों द्वारा सब्जी बीज किट और फलों के पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसी तरह, प्रशिक्षित महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को 10 मधुमक्खी के बक्से प्रदान किए जाएंगे और इनके द्वारा तैयार किये जाने वाले शहद को ‘‘हिम इरा’’ की दुकानों के माध्यम से बेचा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘एक गऊ योजना’’ के अंतर्गत भारतीय नस्ल की गायें स्वयं सहायता समूह से जुड़ी गरीब किसान महिलाओं को सब्सिडी पर प्रदान की जाएंगी। यह योजना पशुपालन विभाग के साथ मिलकर चलाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्कूल वर्दी की आपूर्ति के लिए शिक्षा विभाग के साथ मिलकर इस कार्य को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से करने पर भी विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि ये वर्दी महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार की जा सकती हैं, जिन्हें प्रशिक्षित टेलरिंग अध्यापिकाओं की सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत नई गतिविधियां आरम्भ करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूएनएनएटीआई प्रोजेक्ट के तहत ऐसे व्यक्तियों के परिवारों में से एक सदस्य, जिन्होंने मनरेगा के तहत 100 दिन का रोजगार पूरा कर लिया है, को उनके कौशल को बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। निदेशक ग्रामीण विकास ललित जैन ने प्रस्तुति के दौरान मुख्यमंत्री को प्रस्तावित योजनाओं की मुख्य विशेषताओं से अवगत करवाया।
अभियोजन विभाग ने किया 4,40,115 रुपये का अंशदान
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी को आज अभियोजन विभाग के निदेशक नंद लाल सेन और संयुक्त निदेशक जगदीश कंवर द्वारा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से ‘एचपी एसडीएमए कोविड-19’ राज्य आपदा रिस्पॉन्स फंड के लिए 4,40,115 रुपये का बैंक ड्राफ्ट भेंट किया। मुख्यमंत्री ने उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह अंशदान गरीब व जरूरतमंदों की सहायता करने में सहायक सिद्ध होगा।
प्रदेश के नामी व्यवसायी और ऑपटीमाइज मीडिया ग्रुप एवं शुगलू ग्रुप के संस्थापक लक्ष्मी दत्त शर्मा ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 11 लाख रुपये का एक चैक मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी को भेंट किया। सिरमौर जिला के मंधारा गांव से संबंध रखने वाले लक्ष्मी दत्त शर्मा को उनके कार्य के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं और वे कई वर्षें से विभिन्न सामाजिक एवं मानवीय गतिविधियों में सक्रिय रूप से जुड़े हैं। वर्तमान में वह सिरमौर जिला की फ्लाॅरबाॅल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए लक्ष्मी दत्त शर्मा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह अंशदान गरीब एवं जरूरतमंदों की सहायता प्रदान करने में बहुल सहायक सिद्ध होगा।
एचपीटीएसओए ने कोविड-19 एसडीआर फंड में अंशदान किया
हिमाचल प्रदेश ट्रेजरी सर्विस ऑफिसर्ज एसोसिएशन (एचपीटीएसओए) ने ‘‘एचपी एसडीएमए कोविड-19’’ राज्य आपदा रिस्पाॅंस फंड में आज यहां 5.35 लाख रुपये का चैक मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी को भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इस योगदान के लिए एसोसिएशन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह अंशदान गरीबों व जरूरतमंदों की सहायता करने में सहायक सिद्ध होगा। निदेशक ट्रेजरी डी.डी. शर्मा, अतिरिक्त निदेशक दीपक भारद्वाज, डी.टी.ओ. शिमला और एसोसिएशन के प्रधान जगदीश शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
courtesy: CMO Himachal Pradesh
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