शिमला – राजधानी शिमला के दो कालेजों को रूसा टू के तहत पहली ग्रांट मिली है। वहीं, संजौली कालेज को 50 लाख की दूसरी ग्रांट जारी हुई है। करोड़ों रुपए की यह ग्रांट एमएचआरडी ने कालेजों को जारी की है। अब इतने बजट से कालेजों के विकास कार्यों को रफ्तार मिलेगी। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग ने केंद्र सरकार से बजट आने के बाद कालेजों के एकाउंट में डाल दिया है। केंद्र सरकार ने बजट देने के साथ ही आदेश जारी किए हैं कि छात्रों की सुविधा को लेकर इंन्फ्रास्ट्रकचर ठीक किया जाएगा। बता दें कि इस साल केंद्र सरकार ने बड़ी राहत हिमाचल के कालेजों को दी है। नैक से ए और बी ग्रेड लेने वाले 17 कालेजों को एमएचआरडी ने 17 करोड़ की ग्रांट जारी की है, जिसमें शिमला का सेंट बीड्स व कोटशेरा कालेज शामिल हैं। यह बजट कालेजों को रूसा फेज टू के तहत मिला है। खास बात यह है कि प्रदेश विश्वविद्यालय को भी केंद्र सरकार ने रूसा फेज टू के तहत 10 करोड़ की ग्रांट जारी की है। केंद्र सरकार की हिमाचल के कालेजों में उच्च शिक्षा के सुधार को लेकर जारी किया यह बजट काफी राहत प्रदान कर सकता है। फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से जिन 17 कालेजों को रूसा फेज टू के तहत पहली किस्त एक-एक करोड़ की जारी हुई है, उसमें धर्मशाला, नदौन, घुमारवी, दौलतपुर चौक, करसोग, पालमपुर, हमीरपुर, सेंट बीड्ज कालेज, कोटशेरा, ऊना, रामपुर, सीमा, बंजार, भोरंज, बीटन, हरीपुर, बंगाना कालेज के नाम शामिल हैं। इसके साथ ही जिन चार कालेजों को रूसा फेज टू के तहत केंद्र सरकार ने बजट की दूसरी किस्त जारी की है, उनमें कुल्लू, सोलन, संजौली और देहरी कालेज को 50-50 लाख बजट की किस्त जारी की गई है। ऐसे में अब शिमला के कालेजों को मिली बजट की इतनी ग्रांट से अब सभी विकास कार्य पूरे हो सकेंगे। अहम यह है कि एचपीयू को भी दस करोड़ की राहत केंद्र सरकार की ओर से दी गई है। बता दें कि केंद्र सरकार ने केवल उन्हीं कॉलेजों को रूसा के तहत बजट जारी किया है, जिन्होंने नेक से एक्रीडेशन ली है। यानी की जो कॉलेज अभी तक नेक से एक्रीडेटिड नहीं है, उन कॉलेजों को रूसा का बजट नहीं मिला है। यही वजह है कि शिमला के आरकेएमवी कॉलेज को बजट जारी नहीं हुआ है। केंद्र सरकार ने पिछले साल ही यह साफ कर दिया था कि बिना नैक एक्रीडेशन से कॉलेजों को बजट नहीं दिया जाएंगा। गौर हो कि केंद्र सरकार ने बजट जारी करने के साथ कड़े आदेश भी जारी किए है। सरकार की ओर से कहा गया है कि इस बार जारी किया गया बजट कॉलेज इंन्फ्रास्ट्रकचर की कमी को दूर करने के लिए खर्च करें। केंद्र सरकार की ओर से मिली गाइडलाइन के तहत जिन कॉलेजों को बजट मिला है, उन्हें छः माह के अंदर खर्च का पूरा ब्यौरा देना होगा। इसके साथ कॉलेजों में निर्माण कार्य को लेकर कितना कार्य हुआ इस भी ऑनलाइन डिटेल भेजनी होगी। हिमाचल को पिछले साल रूसा का काफी कम पैसा मिला था। जानकारी के अनुसार प्रदेश के केवल ठियोग कॉॅलेज को ही यह बजट जारी किया गया था। केंद्र सरकार ने मात्र दो करोड़ की ग्रांट प्रदेश के एक मात्र कॉलेज को दी थी। अब जब इतनी राहत कॉलेजों को दी है, तो उम्मीद है कि जिन कॉलेजों में इंन्फ्रास्ट्रकचर नहीं है, वहां यह सुविधा उपलब्ध करवा दी जाएंगी।
प्रदेश को मिले ज्यादा से ज्यादा बजट
बता दें कि हिमाचल में इस वक्त चार से पांच शिक्षण संस्थान ही ऐसे है, जो ए ग्रेड प्राप्त हैं बाकी सभी कालेज बी और सी ग्रेड प्राप्त हैं। ऐसे में यह तो साफ है कि बी ग्रेड प्राप्त कालेजों को केंद्र सरकार से अधूरा ही बजट आगे के लिए मिलेगा। हालांकि रूसा के लिए बनाई हायर एजुकेशन काउसिंल ने फैसला लिया है कि रूसा बजट ज्यादा से ज्यादा हिमाचल को मिले, इसके लिए जोनल वाइज नैक दौरा करवाया जाएगा।
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