शिमला में कंडक्टर और ड्राइवर को दिए मास्क, और तेज हुई मुहिम
शिमला-शिमला में कोरोना के खौफ से बसें खाली हो गई हैं। हलांकि संबंधित प्रशासन द्वारा कंडक्टर और ड्राइवर्स क ो मास्क दे दिए गए हैं लेकिन शिमला में बसें काफी खाली दिख रही हैं। लोग काफी डरे हैं, जिससे बसों में जो कुछ यात्री हैं उसमेें अधिकतर मास्क लगाते देखे जा रहे हैं। खासतौर पर इंटर स्टेट रूट्स की बसों की विशेष तौर पर सफाई के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें यात्रा के शुरू और समाप्त होने के बाद स्प्रे करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, बसों और टैक्सियों में हेल्प लाइन नंबर के साथ जागरूक सामग्री बसों पर चिपकाई जा रही है। वहीं, बसों के कंडक्टर यात्रियों को कोरोना के प्रति जागरूक करेंगे। कंडक्टर उस मरीज़ का पता 104 को देगा जिसकी हिस्ट्री कोरोना को लेकर होगी। ये निर्देश टैक्सी ड्राइवर को भी दिए गए हैं। बसों में भीड़ नहीं करने के निर्देश भी दिए गए हैं। ये भी निर्देश दिए गए हैं कि कार्यालयों जिसमें बैंक, एटीएम में भी स्प्रे क रें। निर्देश के मुताबिक हर दो घंटे में स्प्रे की जाएगी। फिलहाल ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा यह तस्वीर सामने लाई गई थी कि देश विदेश से बसों में पर्यटक हिमाचल में सफर कर रहें हैं, जिसके कारण यह पूरी आशंका बनी रहती है कि कोरोना का वायरस यदि बस में छिपा हो तो वह किसी को भी शिकार बना सकता है, जिस पर अब विभाग हरकत में आया है। इस पर आगामी कदम उठाते हुए मंगलवार को बसों में इन निर्देशों का पालन करना शुरू हो गया है। अब डब्लूएचओ द्वारा भी इस बीमारी को सभी देशों के लिए बेहद सतर्कता बरतने के आदेश जारी किए हैं। प्रदेश के कई पड़ोसी राज्यों में कोरोना पॉजिटिव आ चुका है। फिलहाल यह भी देखा जा रहा है कि देश से प्रतिदिन लाखों पर्यटकों की आवाजाही प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही है, जो बसों के माध्यम से सफर कर रहे हैं वहीं, ट्रेन के माध्यम से भी पर्यटक हिमाचल आ रहे हैं। इसमें अधिकतर लोग शिमला भी आ रहे हैं। प्रदेश में कई ऐसे टूरिस्ट क्षेत्र हैं जहां पर पर्यटकों से इस वायरस के आने की आशंका बन सकती है, जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया हैं। इस समय गौर करें तो प्रदेश में अभी कोई भी कोरोना पॉजिटिव मामला नहीं आया है ये प्रदेश के लिए सुखद है जिसके लिए आवश्यक है कि प्रदेश कोरोना की पकड़ को लेकर कोई भी कमी न छोड़े। प्रदेश सरकार ने ऐपेडेमिक एक्ट 1897 के तहत अधिनियम जारी किए हैं, जिसमें सभी सरकारी व निजी क्लीनिक के चिकित्सा अधिकरियों को ऐसे व्यक्ति जो कोविड-19 प्रभावित देशों की हाल ही में यात्रा कर भारत आए हैं और खांसी, बुखार, जुकाम अथवा सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों के साथ चिकित्सीय परामर्श के लिए आते हैं कि सूचना संबंधित जिला सरविलेंस यूनिट को देना अनिवार्य माना गया है। गौर हो कि डब्लूएचओ ने कोरोना को पेनडेमिक घोषित कर दिया है। लिहाजा प्रदेश में भी इसे लेकर कड़ी नजर रखी जा रही है।
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