मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने आज यहां बताया कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत जारी किए गए धन का उपयोग अब लाॅकडाउन में फंसे लोगों के लिए भोजन के प्रावधान के लिए किया जा सकता है, जो पहले आपदा संबंधी गतिविधियों के लिए ही इस्तेमाल किया जाता था। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को भी इससे सम्बन्धित निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन लाॅकडाउन के कारण फंसे हुए लोगों की मदद कर रहा है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उनके लिए भोजन और रहने की उचित व्यवस्था की जाए। इसी तरह चंडीगढ़ या दिल्ली में रह रहे छात्र और वहां कार्य करने वाले लोग, जो लाॅकडाउन के कारण फिलहाल घर वापस नहीं आ सकते, उनके लिए हिमाचल भवन चंडीगढ़ और दिल्ली में व्यवस्था कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन के कारण फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिलेवार समेकित रिपोर्ट तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि 15 फरवरी, 2020 के बाद हिमाचल प्रदेश के विभिन्न गांवों में कुल 6,943 मजदूर आए, लेकिन किसी में भी कोविड-19 के संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए। उन्होंने कहा कि 9,629 प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन वितरित किया गया है और 1,735 प्रवासी मजदूरों के लिए विभिन्न पंचायतों द्वारा ठहरने की व्यवस्था की गई है।उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान लोगों की आवाजाही कम करने के लिए उन्हें, राशन और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने लोगों को घर में ही रहने में मदद करने के लिए स्वयंसेवकों के माध्यम से होम डिलीवरी की शुरुआत कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सोमवार को विभिन्न सीमावर्ती ज़िलों में विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। राज्य के बिलासपुर, चम्बा, कांगड़ा, सिरमौर, सोलन और ऊना आदि सीमावर्ती जिलों में 75 वाहनों में 19,534 एलपीजी सिलेंडर, 19 वाहनों में 1,40,450 लीटर डीज़ल/पैट्रोल, 129 वाहनों में 40,200 लीटर दूध, 646 वाहनों में 2,132 टन से अधिक किराने का सामान व सब्जियां, 1400 ब्रैड के पैकेट व अंडों की 400 ट्रेे, 78 वाहनों में 243 टन विभिन्न जरूरी दवाइयां, सेनिटाइजर व मास्क तथा 61 वाहनों में 242 टन से अधिक पशुओं के चारे की आपूर्ति की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार कोविड-19 वायरस के कारण किए गए लाॅकडाउन के दौरान लोगों को हर संभव सहायता पहुंचा रही है। वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने के लिए राज्य में आवश्यक और गैर-आवश्यक सभी वस्तुओं के परिवहन की अनुमति प्रदान की गई है।
हिमाचल भवन नई दिल्ली में नियंत्रण कक्ष स्थापित
दिल्ली में हिमाचल प्रदेश सरकार के उप-आवासीय आयुक्त विवेक महाजन ने आज जानकारी दी कि दिल्ली एनसीआर में फंसे प्रदेश के लोगों की सहायता के लिए हिमाचल भवन, नई दिल्ली में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जो रात-दिन कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि इस नियंत्रण कक्ष में प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक दूरभाष संख्या 011-23716574, 23711964 और 24105386 पर सम्पर्क किया जा सकता है। सायं 5 बजे से प्रातः 10 बजे तक हेल्पलाइन नम्बर 011-23716124-27 और 011-24105386-88 पर सम्पर्क किया जा सकता है। विवेक महाजन ने कहा कि हिमाचल चैप्टर सृजित किया गया है, जिसमें हिमाचल के विशिष्ट नागरिक और गैर सरकारी संस्थाएं शामिल हैं, जो दिल्ली एनसीआर में फंसे अपने-अपने क्षेत्रों के लोगों की सहायता करने लिए आगे आए हैं।
स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर देंगे कोविड-19 वायरस के लक्षणों की जानकारीः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने आज यहां से प्रदेश के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत करते हुए निर्देश दिए कि कोविड-19 वायरस संक्रमण के दृष्टिगत कुछ होटलों, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं को चिन्हित किया जाए जहां लोगों को बेहतर सुविधाओं के साथ क्वारंटीन किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्वारंटीन केन्द्रों में रखे गए लोगों को हर सम्भव सहायता प्रदान की जाए और इन केन्द्रों में सामाजिक दूरी बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने संकट की इस घड़ी में पूर्ण समर्पण के साथ बेहतरीन सेवाएं प्रदान करने के लिए डाॅक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और स्वच्छता कर्मियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि हमें इन लोगों का मनोबल बनाए रखने में सहयोग देने की आवश्यकता है ताकि वे पूर्ण निष्ठा और समर्पण से अपना कार्य कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहली अपै्रल, 2020 से एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके अन्तर्गत स्वास्थ्य कर्मचारी लोगों के घर-घर जाकर कोविड-19 वायरस के लक्षणों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। इस अभियान के अन्तर्गत आशा कार्यकर्ता दो लोगों के दल के साथ गांवों मंे घर-घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल कर इसे गूगल फाॅर्म पर विभाग को सांझा करेंगे। यह अभियान प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से सायं 4 बजे तक चलेगा और अभियान के उपरान्त संदिग्ध व्यक्तियों की स्वास्थ्य जाॅच की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में प्रदेश के बाहर और प्रदेश के भीतर यात्रा करने वाले लोगों की पहचान के लिए पंचायती राज संस्थानों और स्थानीय शहरी निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की सहायता ली जाए। इससे राज्य सरकार को ऐसे लोगों की पहचान करने और उन्हें घर अथवा संस्थागत क्वारंटीन में रखने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने लोगों को आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाने के लिए उपायुक्तों को होम डिलीवरी प्रणाली पर विशेष ध्यान देने को कहा क्योंकि इससे समुचित सामाजिक दूरी बनाए रखने में सफलता मिलेगी। उनका कहना था कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को उनके घरों के समीप आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाने के लिए पंचायती राज संस्थानों को शामिल किया जाए। उन्होंने स्वयंसेवियों का भी आह्वान किया कि लोगों तक आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने के लिए आगे आएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस माह सेवानिवृत्त होने जा रहे तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, कानूनगो और पटवारियों को एक माह का सेवा विस्तार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का कोई व्यक्ति अगर बाहरी राज्यों से यहां आया है तो उसकी पहचान कर 14 दिनों के लिए निगरानी और क्वारंटीन में रखा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रदेश में स्थिति की निगरानी के लिए राज्य और जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इस वायरस के बारे में लोगों को विभिन्न माध्यमों से शिक्षित और जागरूक किया जा रहा है और इस कार्य में पंचायती राज संस्थानों व स्थानीय निकायों के पदाधिकारियों को भी शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अभी तक 3085 लोगों को कोरोना वायरस से निगरानी के लिए रखा गया जिनमें से 937 लोगों ने 28 दिनों की आवश्यक निगरानी अवधि पूरी कर ली है। कोविड-19 वायरस के लिए आज टाण्डा मेडिकल काॅलेज में 13 और आईएमसी शिमला में तीन सेम्पल लिए गए और सभी नेगेटिव पाए गए हैं। इस वायरस के लिए प्रदेश में अभी तक कुल 212 लोगों की जाॅंच की गई है। मुख्य सचिव श्री अनिल खाची ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि प्रशासन कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुई स्थिति में लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करेगा। पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी ने कहा कि पुलिस को सक्षम प्राधिकरण द्वारा लोगों को जारी किए गए मान्य पास का सम्मान करना चाहिए और बिना कारण उन्हें परेशान न किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन के कारण फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिलेवार समेकित रिपोर्ट तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि 15 फरवरी, 2020 के बाद हिमाचल प्रदेश के विभिन्न गांवों में कुल 6,943 मजदूर आए, लेकिन किसी में भी कोविड-19 के संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए। उन्होंने कहा कि 9,629 प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन वितरित किया गया है और 1,735 प्रवासी मजदूरों के लिए विभिन्न पंचायतों द्वारा ठहरने की व्यवस्था की गई है।उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान लोगों की आवाजाही कम करने के लिए उन्हें, राशन और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने लोगों को घर में ही रहने में मदद करने के लिए स्वयंसेवकों के माध्यम से होम डिलीवरी की शुरुआत कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सोमवार को विभिन्न सीमावर्ती ज़िलों में विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। राज्य के बिलासपुर, चम्बा, कांगड़ा, सिरमौर, सोलन और ऊना आदि सीमावर्ती जिलों में 75 वाहनों में 19,534 एलपीजी सिलेंडर, 19 वाहनों में 1,40,450 लीटर डीज़ल/पैट्रोल, 129 वाहनों में 40,200 लीटर दूध, 646 वाहनों में 2,132 टन से अधिक किराने का सामान व सब्जियां, 1400 ब्रैड के पैकेट व अंडों की 400 ट्रेे, 78 वाहनों में 243 टन विभिन्न जरूरी दवाइयां, सेनिटाइजर व मास्क तथा 61 वाहनों में 242 टन से अधिक पशुओं के चारे की आपूर्ति की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार कोविड-19 वायरस के कारण किए गए लाॅकडाउन के दौरान लोगों को हर संभव सहायता पहुंचा रही है। वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने के लिए राज्य में आवश्यक और गैर-आवश्यक सभी वस्तुओं के परिवहन की अनुमति प्रदान की गई है।
हिमाचल भवन नई दिल्ली में नियंत्रण कक्ष स्थापित
दिल्ली में हिमाचल प्रदेश सरकार के उप-आवासीय आयुक्त विवेक महाजन ने आज जानकारी दी कि दिल्ली एनसीआर में फंसे प्रदेश के लोगों की सहायता के लिए हिमाचल भवन, नई दिल्ली में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जो रात-दिन कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि इस नियंत्रण कक्ष में प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक दूरभाष संख्या 011-23716574, 23711964 और 24105386 पर सम्पर्क किया जा सकता है। सायं 5 बजे से प्रातः 10 बजे तक हेल्पलाइन नम्बर 011-23716124-27 और 011-24105386-88 पर सम्पर्क किया जा सकता है। विवेक महाजन ने कहा कि हिमाचल चैप्टर सृजित किया गया है, जिसमें हिमाचल के विशिष्ट नागरिक और गैर सरकारी संस्थाएं शामिल हैं, जो दिल्ली एनसीआर में फंसे अपने-अपने क्षेत्रों के लोगों की सहायता करने लिए आगे आए हैं।
स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर देंगे कोविड-19 वायरस के लक्षणों की जानकारीः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने आज यहां से प्रदेश के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत करते हुए निर्देश दिए कि कोविड-19 वायरस संक्रमण के दृष्टिगत कुछ होटलों, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं को चिन्हित किया जाए जहां लोगों को बेहतर सुविधाओं के साथ क्वारंटीन किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्वारंटीन केन्द्रों में रखे गए लोगों को हर सम्भव सहायता प्रदान की जाए और इन केन्द्रों में सामाजिक दूरी बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने संकट की इस घड़ी में पूर्ण समर्पण के साथ बेहतरीन सेवाएं प्रदान करने के लिए डाॅक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और स्वच्छता कर्मियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि हमें इन लोगों का मनोबल बनाए रखने में सहयोग देने की आवश्यकता है ताकि वे पूर्ण निष्ठा और समर्पण से अपना कार्य कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहली अपै्रल, 2020 से एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके अन्तर्गत स्वास्थ्य कर्मचारी लोगों के घर-घर जाकर कोविड-19 वायरस के लक्षणों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। इस अभियान के अन्तर्गत आशा कार्यकर्ता दो लोगों के दल के साथ गांवों मंे घर-घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल कर इसे गूगल फाॅर्म पर विभाग को सांझा करेंगे। यह अभियान प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से सायं 4 बजे तक चलेगा और अभियान के उपरान्त संदिग्ध व्यक्तियों की स्वास्थ्य जाॅच की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में प्रदेश के बाहर और प्रदेश के भीतर यात्रा करने वाले लोगों की पहचान के लिए पंचायती राज संस्थानों और स्थानीय शहरी निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की सहायता ली जाए। इससे राज्य सरकार को ऐसे लोगों की पहचान करने और उन्हें घर अथवा संस्थागत क्वारंटीन में रखने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने लोगों को आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाने के लिए उपायुक्तों को होम डिलीवरी प्रणाली पर विशेष ध्यान देने को कहा क्योंकि इससे समुचित सामाजिक दूरी बनाए रखने में सफलता मिलेगी। उनका कहना था कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को उनके घरों के समीप आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाने के लिए पंचायती राज संस्थानों को शामिल किया जाए। उन्होंने स्वयंसेवियों का भी आह्वान किया कि लोगों तक आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने के लिए आगे आएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस माह सेवानिवृत्त होने जा रहे तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, कानूनगो और पटवारियों को एक माह का सेवा विस्तार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का कोई व्यक्ति अगर बाहरी राज्यों से यहां आया है तो उसकी पहचान कर 14 दिनों के लिए निगरानी और क्वारंटीन में रखा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रदेश में स्थिति की निगरानी के लिए राज्य और जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इस वायरस के बारे में लोगों को विभिन्न माध्यमों से शिक्षित और जागरूक किया जा रहा है और इस कार्य में पंचायती राज संस्थानों व स्थानीय निकायों के पदाधिकारियों को भी शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अभी तक 3085 लोगों को कोरोना वायरस से निगरानी के लिए रखा गया जिनमें से 937 लोगों ने 28 दिनों की आवश्यक निगरानी अवधि पूरी कर ली है। कोविड-19 वायरस के लिए आज टाण्डा मेडिकल काॅलेज में 13 और आईएमसी शिमला में तीन सेम्पल लिए गए और सभी नेगेटिव पाए गए हैं। इस वायरस के लिए प्रदेश में अभी तक कुल 212 लोगों की जाॅंच की गई है। मुख्य सचिव श्री अनिल खाची ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि प्रशासन कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुई स्थिति में लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करेगा। पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी ने कहा कि पुलिस को सक्षम प्राधिकरण द्वारा लोगों को जारी किए गए मान्य पास का सम्मान करना चाहिए और बिना कारण उन्हें परेशान न किया जाए।
courtesy: CMO Himachal Pradesh
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