जीवित बच्ची को मृत बताने के मामले में लिए बयान; डाक्टर्स से भी की पूछताछ, छानबीन में जुटा महकमा
शिमला-राज्य स्तरीय कमला नेहरू अस्पताल की इससे बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है, जब नवजात जीवित बच्ची को ही मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले में शुक्रवार को केएनएच एमएस द्वारा प्रभावितों के बयान कलमबद्ध किए, जिसमें डाक्टर्स से भी पूछताछ की गई है। एमएस का कहना है कि जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कुल्लू के एक दंपति के पैर के नीचे से उस समय जमीन खिसक गई जब उन्हें मालूम पड़ा कि जिस नवजात को डाक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया था वह जीवित है। हालांकि मामले पर अस्पताल प्रशासन द्वारा जांच रिपोर्ट जल्द तैयार कर दी जाएगी, लेकिन इस केस ने अस्पताल प्रशासन को कटघरे में जरूर खड़ा कर दिया है। कुल्लू के विजय कुमार के परिवार को गुरुवार को दिन के एक बजे जब मालूम पड़ा कि जिस नवजात को रात को प्रसव के बाद मृत घोषित कर दिया गया था वह 11 घंटे से अस्पातल की डेड ट्रे पर जीवित पड़ी है तो उस समय उनके होश उड़ गए। कुल्लू के विजय कुमार का कहना है कि उन्हें कुल्लू से पहले नेरचौक रेफर किया गया था। गर्भ में शिशु के कम वजन को लेकर नेरचौक से गर्भवती महिला को तीन दिन पहले केएनएच रेफर कर दिया था। विजय कुमार का कहना है कि डाक्टर्स ने नवजात की हालत गर्भ में ठीक नहीं बताई थी, यह भी अस्पताल में कहा कि नवजात की मौत भी हो सकती है। नवजात के पिता विजय कुमार का कहना है कि रात तीन बजे महिला के प्रसव के बाद उसे मृत बता दिया गया, जिसके बाद उसे अस्पताल द्वारा बच्ची को डेड ट्रे में रखा गया था।
डेड ट्रे से आ रही थी रोने की आवाज
पिता ने कहा कि जब सुबह बच्ची को दफनाने की तैयारी की गई तो विजय कुमार ने कहा कि उनकी सास मृत बच्ची को लेने के लिए अस्पताल के कमरे में गई। वहां पर सास चौंक गई जब बच्ची की ट्रे में रोने की आवाजें़ आईं। जिसके बाद अस्पताल में हडकंप मच गया। मामला काफी गरमा गया, जिस पर अब जांच शुरू हो गई है।
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