ऑनलाइन पोर्टल पर होगी मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट अपडेट, जीपीएस सिस्टम से मिट्टी जांच की दी जाएगी जानकारी
शिमला-अब शिमला जिला के हजारों किसान ऑनलाइन सिस्टम से जुडं़ेगे। पहले जहां फार्मर्ज को ऑनलाइन प्राकृतिक खेती के टिप्स दिए जाते थे। वहीं, अब ऑनलाइन मिट्टी परीक्षण के बारे मेें भी सभी किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी। जो फार्मर ऑनलाइन जीपीएस सिस्टम के साथ नहीं जुड़ पाए हैं, उन्हें इस सिस्टम के साथ जोड़कर अपने खेतों से मिट्टी के नमूने लेने सिखाए जाएंगे। अहम यह है कि जिला में हजारों ऐसे किसान हैं जो अभी जीपीएस सिस्टम के साथ नहीं जुड़ पाए हैं। ऐसे में इन किसानों की मिट्टी की जांच भी काफी समय से नहीं हुई है। जिला कृषि विभाग का टारगेट है कि जो किसान प्राकृतिक रूप से खेती कर रहे हैं, उनकी मिट्टी परीक्षण की जांच सबसे पहले की जाएगी। इससे यह फायदा होगा कि केमिकल से भरी जमीन को बचाने के लिए समय रहते उपाय किए जा सकेंगे। जानकारी मिली है कि इसके लिए जिला के अधिकतर ब्लॉकों में मिट्टी परीक्षण की नई गाइडलाइन के तहत किसानों को ट्रेनिंग देना शुरू हो गया है। बता दें कि कृषि विभाग ने इससे पहले प्रदेश के सभी विकास खंडों में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के 19 फरवरी 2020 को सफलतापूर्वक 5 वर्ष पूरे होने उपलक्ष्य पर मृदा स्वास्थ्य दिवस मनाया है तथा इस पूरे सप्ताह किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन के प्रति जागरूक किया गया। गौर हो कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना वर्ष 19 फरवरी 2015 को प्रधानमंत्री ने देशभर मे आरंभ किया है, जिसका उद्देश्य फसलों में पोषक तत्वों की कमी की भरपाई, मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ करना, हर किसान को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करना, मिट्टी की उर्वरकता संबंधित समस्याओं इत्यादि का निवारण करना है। भारत सरकार इस योजना की प्रगति की समीक्षा ऑनलाइन मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल तथा साप्ताहिक विडियो कान्फें्रसिंग के माध्यम से कर रही है। मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए जीपीएस प्रणाली के तहत मिट्टी के नमूने एकत्रित करके जांच की जा रही है, ताकि किसान मिट्टी परीक्षण के आधार पर खादों का संतुलित उपयोग व फसलों का चयन कर सकें। इसके अलावा मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट किसानों को ‘मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड’ पर उपलब्ध करवाई जाने की योजना है। जिला के सैकड़ों किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से मिट्टी जांच की रिपोर्ट सौंपी भी जा रही है। यह कार्ड किसानों को निःशुल्क उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए मिट्टी का परीक्षण अति आवश्यक है।
मिट्टी का नमूना ऐसे स्थान से न लें
ऐसे स्थान से मिट्टी का नमूना न लें जहां पर खाद का ढेर, मेढ़, सिंचाई की नाली या भूमि सुधारक रसायन इस्तेमाल के लिए रखा हो, इसके अलावा खेत के पास उगे किसी पेड़ की जड़ों वाले स्थान से, रासायनिक या गली सड़ी खाद कुछ दिन पहले डाली हो, जहां से झाडि़यों को जलाया हो, गीली मिट्टी का नमूना न लें, यदि लेना पड़े तो छाया में सूखा लें।
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