प्रदेश विश्वविद्यालय में मांगें मनवाने के लिए गरजी स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया, मांगें पूरी होने तक चलेगा संघर्ष
शिमला-एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एसएफआई इकाई द्वारा राज्य कमेटी के आह्वान पर विश्वविद्यालय में छात्रों की विभिन्न मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया। इस दौरान एसएफआई ने आरोप लगाया कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एकमात्र स्टेट फंडिंग यूनिवर्सिटी होने के बावजूद आज हजारों छात्रों को बहुत सी समस्याओं का सामना लगातार करना पड़ रहा है। एसएफआई ने आरोप लगाते हुए कहा कि आज विश्वविद्यालय की ओर देखते हैं तो हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय की स्थिति बहुत ही दयनीय सी दिखाई देती है, लेकिन सरकार व प्रशासन विश्वविद्यालय को बदनाम कर निजी हाथों में देना अपनी उपलब्धि मानते हैं। एसएफआई ने आरोप लगाया कि वर्ष 2013-14 के अंदर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय उच्च शिक्षा आयोग को लागू करना विश्वविद्यालय प्रशासन व पूर्व की कांग्रेस सरकार का सरकारी शिक्षा पर बहुत बड़ा हमला साबित हुआ है और साथ ही साथ छात्रों के जनवादी अधिकार को बंद कर जली हुई आग में घी डालने का काम इस प्रशासन व प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है, जिसका नुकसान हजारों छात्रों को अपनी शिक्षा को पूरा न करने से उठाना पड़ा है। एसएफआई ने कहा कि दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन प्रदेश सरकार से शिक्षा के बजट को बढ़ाने की मांग करती आई है, लेकिन सरकार शिक्षा के बजट को बढ़ाने के अलावा तमाम छात्र विरोधी नीतियों के लिए सहमति दे देती है। एसएसआई ने इस धरना-प्रदर्शन के माध्यम से छात्रों की मूलभूत मांगों को प्रशासन के सामने रखते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को फीसों के द्वारा लूटने की बजाय छात्रों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करें। धरने-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए एसएसआई इकाई सचिव गौरव नाथन द्वारा कहा गया कि हाल ही में इक्डोल में बढ़ाई गई फीस छात्र विरोधी निर्णय है, जिसे जल्द से जल्द वापस लिया जाना चाहिए। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अपने 50 वर्ष पूरे करने के बावजूद अभी तक छात्रों को कॉमन रूम की व्यवस्था नहीं कर पाया है, जो प्रशासन की नाकामी को साफ सामने दर्शाता है। एसएफआई कार्यकर्ताओं ने यह भी मांग रखी कि विश्वविद्यालय में बंद पड़े कैफेटेरिया को शीघ्र चलाया जाए। विश्वविद्यालय में स्थायी कर्मचारियों व प्राध्यापकों की भर्ती शीघ्र की जानी चाहिए। विश्वविद्यालय में छात्रों को पीने योग्य पानी की उचित व्यवस्था प्रशासन की जिम्मेदारी हैं व प्रशासन को शीघ्र उचित व्यवस्था करनी होगी। वर्तमान में विश्वविद्यालय व प्रदेश के कालेजों में छात्रसंघ चुनाव जो सरकार व प्रशासन द्वारा बंद किए गए हैं, उन्हें शीघ्र बहाल किया जाना चाहिए। एसएसआई ईकाई ने इस धरने-प्रदर्शन के माध्यम से प्रशासन को चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द यदि प्रशासन व सरकार छात्रों की इन मांगों को लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाता है, तो आने वाले समय के अंदर एसएफआई विश्वविद्यालय में छात्रों को लामबंद करते हुए आंदोलन करेगी व छात्र संघ चुनाव की बहाली, शिक्षा के बाजारीकरण व निजीकरण पर रोक लगाओ, शिक्षा के बजट में बढ़ोतरी की जाए की मांगों को लेकर 25 मार्च को हिमाचल के सभी महाविद्यालय स्कूल शिक्षण संस्थान के छात्रों को लामबंद करते हुए विधानसभा घेराव कर सरकार को घेरेगी।
The post एचपीयू का बजट बढ़ाने को गरजी एसएफआई appeared first on Divya Himachal: No. 1 in Himachal news - News - Hindi news - Himachal news - latest Himachal news.
Post a Comment