शिमला – शिमला के क मला नेहरू अस्पताल में भी कोरोना को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अस्पताल में हर रोज हजारों की सख्या में महिलाएं प्रसव के लिए आती हैं। ऐसे में यहां पर शिशु और माता की सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम की आवश्यता रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए कोरोना वायरस से बचने के लिए अस्पताल प्रशासन ने गुरुवार को अस्पताल में आने जाने के लिए तीन जगह से एंट्री ओपन रखी है। इसके साथ ही गर्ववती महिलाओं में यदि कोरोना वायरस के लक्षण देखे जाते हैं तो इसके लिए भी अस्पताल में अलग से आइशोलेशन वार्ड बनाया गया है। इसके साथ ही मरीजों के साथ बच्चों को लाने से मना किया गया है। साथ ही अस्पताल में मरीजों के साथ केवल एक ही तीमाददार को भेजा जा रहा है। इसी के साथ अस्पताल के अंदर ओपीडी में जाने के लिए भी सुरक्षा को ध्यान में रखा गया है। महिलाओं को भी लाइनों में अलग-अलग रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही महिलाओं का कहा जा रहा है कि यदि उनकी डिलिवरी का समय नजदीक है या मरीज की हालत काफी गंभीर है तो ही उसे अस्पताल के अंदर जाने दिया जा रहा है। इसके साथ ही मरीज के साथ जो तीमाददार है उसे भी साफ-सफाई के लिए जागरूक किया जा रहा है। अस्पताल के एमएस डा. अंबिका ने कहा कि फिलहाल प्रदेश में अभी तक इस वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है और प्रदेश के लोगों को इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। लोगों की सहायता के लिए केंद्र सरकार द्वारा हेल्पलाइन नंबर 104 भी जारी किया गया है जिस पर कॉल करके लक्षण बता
सकते हैं।
आईजीएमसी-टांडा में करवा सकते हैं टेस्ट
इसके लिए मरीज आईजीएमसी अस्पताल में अपने टेस्ट करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या आ सकती है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है इसलिए इसको लेकर बहुत सावधानी बरती जानी चाहिए। प्रदेश में इसकी जांच आईजीएमसी के साथ-साथ टांडा अस्पताल में की जा सकती है।
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