देवभूमि हिमाचल ने शिक्षा के क्षेत्र के विस्तार में अनेकों उपलब्धियां प्राप्त की हैं जिनकी राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक सराहना भी हुई है। इस विस्तारीकरण के बाद अब वर्तमान राज्य सरकार ने गुणात्मक पहलू की ओर ध्यान देना केंद्रित करने का प्रयास किया है। इसी दृष्टि से प्रदेश सरकार ने शिक्षा पर 2020-21 में 8,016 करोड़ रुपए का खर्च करने का प्रस्ताव रखा है। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रारम्भिक शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए क्लस्टर स्कूलों को उन्नयित करने के लिए ‘‘स्वर्ण जयन्ती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेश्ठ विद्यालय योजना (ज्ञानोदय)’’ शुरू करने की घोषणा की है। योजना के तहत 100 क्लस्टर स्कूलों में बच्चों/अध्यापकों के लिए आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएगी जिनमें बेहतर टाॅयलट, बिजली और पंखों की व्यवस्था, स्मार्ट कक्षा, फर्नीचर, पानी, लाईब्रेरी, खेल-कूद सुविधा शामिल है। इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती छात्रों के अनुपात से की जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस प्रयास से बच्चे और अभिभावक सरकारी स्कूलों में अपना विश्वास दर्शाएंगे। इस योजना के लिए 15 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
‘‘स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट विद्यालय योजना’’
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने उच्च शिक्षा विभाग में नई ‘‘स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट विद्यालय योजना’’ शुरू करने की घोषणा की है। प्रथम चरण में इस योजना के अंतर्गत 68 स्कूल जहां पर विद्यार्थियों की संख्या 500 या इससे अधिक है, को प्राथमिकता के आधार पर विकसित किया जाएगा। योजना के तहत स्कूलों का नवीकरण किया जाएगा जिसमें फर्नीचर का प्रावधान, विद्यालय प्रांगण विकसित करना, खेल कूद सुविधाओं में सुधार, जिम, स्मार्ट क्लास तथा विज्ञान प्रयोगशालाएं, बेहतर शौचालय और पानी उपलब्ध करवाना सुनिष्चित किया जाएगा। इन विद्यालयों में आवश्यक टीचर थॉट रेडियो को सुनिश्चित किया जाएगा। इस योजना के लिए 30 करोड़ रुपए प्रस्तावित है।
कॉलेजों में उपलब्ध होगी जिम की सुविधा
हिमाचल सरकार प्रदेश के 9 महाविद्यालयों को ‘‘उत्कृष्ट’’ महाविद्यालयों के रूप में जिम तथा अन्य सुविधाओं सहित स्थापित करेगी। इससे इन महाविद्यालयों में छात्रों को उन विभिन्न विषयों के चयन करने का अवसर मिलेगा जो अन्य महाविद्यालयों में उपलब्ध नहीं हैं। इनमें टीचर थॉट रेडियो मानदंडों के अनुसार रखा जाएगा। मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना के लिए 9 करोड़ रुपए के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है। प्रदेश के स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए गणित में आवश्यक कौशल और निपुणता लाने के लिए राज्य सरकार ने 50 स्कूलों में गणित प्रयोगशालाएं स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इनके माध्यम से गणित शिक्षा का सरलीकरण किया जाएगा तथा इसे रोचक बनाया जाएगा।
106 नए शैक्षणिक संस्थानों में वर्चुअल क्लासरूम स्थापित
हमारी सरकार द्वारा सी.सी. रमन वर्चुअल क्लासरूम योजना आरम्भ की गई है। इस योजना के माध्यम से ऐसे महाविद्यालयों तथा विद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाती है, जहां कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण शिक्षकों की कमी है। इस योजना की आरम्भिक सफलता के बाद 106 नए शैक्षणिक संस्थानों में वर्चुअल क्लासरूम स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा बी.वॉक को प्रायोगिक स्तर पर राज्य के 12 महाविद्यालयों में शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री ने बजट सत्र के दौरान 2020-21 से बी.वॉक डिग्री प्रोग्राम को 6 नए महाविद्यालयों में शुरू करने का प्रस्ताव रखा। वर्तमान में 703 विद्यार्थी बी.वॉक के अंतिम वर्ष में पढ़ रहे हैं। इन विद्यार्थियों की प्लेसमेंट के लिए व्यवस्था की जाएगी।
‘‘स्वर्ण जयन्ती सुपर 100’’ योजना
राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मेधा प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत प्रदेश के मेधावी छात्रों को व्यावसायिक शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश हेतु आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने व्यावसायिक कोर्सों में प्रवेश के लिए बढ़ती प्रतिस्पर्धा के दृष्टिगत एक नई योजना ‘‘स्वर्ण जयन्ती सुपर 100’’ योजना आरंभ करने की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत 10वीं कक्षा में सर्वाधिक अंक लेने वाले 100 विद्यार्थियों को व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश हेतु आवश्यक प्रशिक्षण के लिए 1 लाख रुपए प्रति विद्यार्थी अनुदान सहायता प्रदान की जाएगी। प्रदेश के युवाओं को खेलकूद एवं व्यायाम के लिए बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि सरकारी मैडिकल काॅलेजों, इंजीनियरिंग काॅलेजों तथा अन्य राजकीय व्यवसायिक शैक्षणिक संस्थानों में चरणबद्ध तरीके से जिम/ओपन जिम की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
अब शिक्षण संस्थानों में नहीं खलेगी शिक्षकों की कमी
हिमाचल सरकार ने बीते दो वर्षों में शिक्षण संस्थानों में 10,700 पद भरने की स्वीकृति दी है। अभी तक 4,000 शिक्षकों के पद भरे जा चुके हैं। शेष पद जल्द भर दिए जाएंगे। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि किसी भी स्कूल में शिक्षक के पद खाली न रहें ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इसके लिए विभाग अग्रिम रूप से खाली पदों का मूल्यांकन करके शिक्षकों की भर्ती इस ढंग से करेगा ताकि स्कूलों में खाली पदों की समस्या समाप्त हो जाए। इससे शिक्षा में गुणात्मक सुधार होगा। आवश्यकतानुसार स्कूलों के युक्तिकरण का भी प्रस्ताव है ताकि उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके।
शिक्षा विभाग के कर्मियों के बढ़ेंगे मानदेय
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग में आउटसोर्स आधार पर सेवाएं दे रहे आईटी शिक्षकों के मानदेय में 10 प्रतिशत बढ़ौतरी की घोषणा की है। वर्तमान में पार्ट टाईम जलवाहक पूरी दिहाड़ी पर आने के बाद 6 वर्ष की सेवा के बाद नियमित होने के लिए पात्र होते हैं। मुख्यमंत्री ने इसे 5 वर्ष करने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने उन प्राथमिक स्कूलों में, जहां पर कोई भी पार्ट टाईम या दैनिक भोगी जलवाहक न हो, वहां पर पार्ट टाईम मल्टीटास्क वर्कर नियुक्त करने का भी निर्णय लिया है ताकि पठन-पाठन का कार्य सुचारु रूप से चल सके। हिमाचल प्रदेश के युवाओं ने भारतीय सेना को गौरवान्वित किया है और अभूतपूर्व सेवाएं दी हैं। एनसीसी युवाओं को फौज/पैरामिलिटरी और पुलिस सेवाओं में भर्ती के लिए प्रोत्साहन देने हेतु आवष्यक बटालियन और कम्पनियां खोली जाएंगी ताकि और अधिक कैडेट एनसीसी के बी और सी प्रमाणपत्र का लाभ ले सकें। मुख्यमंत्री ने मिड-डे-मील वर्कर्ज तथा वाटर कैरियरज को मिलने वाले मासिक मानदेय को 300 रुपए बढ़ाने की घोषणा की है।
courtesy: CMO Himachal Pradesh
Post a Comment