हिमाचल के 3300 गांवों में शुरू होगी निशुल्क गर्भाधान योजना, दुग्ध उत्पादन में होगी वृद्धि व ग्रामीणों की आय होगी दोगुनी

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के किसानों एवं बागवानों के लिए पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस क्षेत्र में रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में विटामिन ‘ए’ तथा ‘डी’ से फोर्टिफिएड दूध ‘‘हिम गौरी’’ उपलब्ध करवाना आरंभ किया है। मुख्यमंत्री ने बजट पेश करते हुए घोषणा की है कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के 11 जिलों के 3,300 गांवों में निःशुल्क गर्भाधान योजना का आरम्भ किया जाएगा। इससे दुग्ध उत्पादन में बढ़ौतरी होगी और किसानों की आय बढ़ेगी। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि उन्नत नस्लों की गायों की स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए कांगड़ा जिला में जर्सी गायों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत चयनित लाभार्थियों की गायों में उच्च उत्पादन क्षमता वाल सीमेन स्ट्रॉस के माध्यम से पैदा हुई बछड़ियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रदेश के सभी गैर-जनजातीय जिलों में एक गौ-अरण्य एवं एक बड़े गौ-सदन की चरणबद्ध ढंग से स्थापना की जाएगी। इससे प्रदेश के बेसहारा पशुओं को चयनित स्थानों पर रखने तथा उनकी उचित देखभाल करने में सहायता मिलेगी। 

‘‘हिम कुक्कुट पालन योजना’’ होगी शुरू
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा भेड़-बकरी पालकों के लिए उपदान पर बकरियां उपलब्ध करवाने की योजना कार्यान्वित की जा रही है। अभी तक प्रजनन के लिए भेड़ पर उपदान का प्रावधान जनजातीय वर्ग तक सीमित है। उन्होंने घोषणा की है कि वर्ष 2020-21 से सभी वर्गों के लाभार्थी प्रजनन के लिए भेड़ पर उपदान के पात्र होंगे। किसानों की आय में वृद्धि के लिए मुर्गी पालन क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि ‘‘हिम कुक्कुट पालन योजना’’ शुरू की जाएगी। इस योजना के अन्तर्गत अगले 5 वर्षों में सभी वर्गों के 100 किसानों को प्रतिवर्ष 5,000 तक ब्राॅयलर प्रदान किए जाएंगे। यह लाभ उन लाभार्थियों को दिया जाएगा जिन्होंने मुर्गी पालन में सरकारी संस्थाओं से आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त किया हो। 
पशुधन के स्वास्थ्य का रखा ख्याल, शुरू की जाएगी ‘‘मोबाईल वैटनरी सेवा’’
पशुधन की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान पशुपालकों के द्वार पर करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि प्रदेश में पायलट आधार पर ‘‘मोबाईल वैटनरी सेवा’’ का प्रावधान किया जाएगा। समय पर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 2020-21 में ग्राम पंचायत पशु चिकित्सा सहायकों के 120 पद भरे जाएंगे। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन से जुड़े परिवारों के हित को ध्यान में रखते हुए माननीय मुख्यमंत्री ने दूध खरीद मूल्य को वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 2 रुपए बढ़ाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए मिल्कफैड को 23 करोड़ रुपए के अनुदान का प्रस्ताव रखा गया है।

पशुपालन क्षेत्र के लिए किया 477 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी एवं राज्य सरकार ने पशुपालन क्षेत्र पर 2020-21 बजट अनुमानों में 477 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लगभग 13,000 मछुआरे व मत्स्य कृषक परिवार इस स्त्रोत से आजीविका कमा रहे हैं। प्रदेश सरकार 2020-21 में 100 नई ट्राऊट इकाईयों का निर्माण करेगी। इसके अतिरिक्त ट्राऊट मछली का उत्पादन बढ़ाने के लिए ‘‘ट्राऊट मत्स्य पिंजरों’’ का निर्माण करवाया जाएगा। काॅर्प मछली के उत्पादन को बढ़ाने के लिए नालागढ़ काॅर्प मछली फार्म में पुनर्चक्रण एक्वा संस्कृति प्रणाली की स्थापना की जाएगी।



courtesy: CMO Himachal Pradesh

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