साल 1979 से इस जातर की परंपरा, पहले शिमला के रानी झांसी पार्क में होता था आयोजन, पर इस बार रोक के चलते रिज पर सजा महाउत्सव
शिमला-शिमला के ऐेतिहासिक रिज पर रविवार को डोम देवता की जातर का आयोजन किया गया। जातर में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। मौसम खराब होने के बाबजूद काफी संख्या में लोग देवता साहिब का आशीर्वाद लेने रिज पहुंचे। इस दौरान रिज पर चोलटू नृत्य का आयोजन किया गया। शिमला और सोलन जिलों की 18 ठकुराइयों और 22 रियासतों के प्रमुख देवता डोम सन्नाटा गुठाण का जातर नृत्य देखने के लिए दूर-दराज से लोग पहुंचे। इस दौरान सारा माहौल भक्तिरस में सरोबर दिखा। खास बात तो यह है कि डोम देवता 20 साल बाद शिमला आए हैं, इनका मूल स्थान गुठाण है। देवता डोम के कारदार मदन लाल वर्मा ने बताया कि साल 1979 से परंपरा के तहत इस जातर का आयोजन शिमला के रानी झांसी पार्क में होता था, मगर उक्त स्थल पर इस तरह के आयोजनों पर प्रतिबंध लगने पर यह आयोजन रिज पर हो रहा है। मदन लाल वर्मा ने बताया कि देवधुन पर यह देवनृत्य पारंपरिक रीति रिवाज से किया गया। इस मौके पर देवता ने तमाम शिमलावासियों को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद दिया। इस देव परंपरा को निभाने में सहयोग देने के लिए उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन का भी धन्यवाद किया। उल्लेखनीय है कि डोम सन्नाटा सदियों पहले हिमाचल के इस क्षेत्र के एक प्रख्यात योद्धा थे, जिन्हें देवत्व प्राप्त हुआ। डोम देवता सन्नाटा की जातर रथ-यात्रा 20 वर्षों के बाद इन दिनों निचले हिमाचल के अलावा क्षेत्र की परिक्र मा पर है। यह एक भव्य ऐतिहासिक व प्राचीन पंरपराओं से जुड़ा हुआ देव उत्सव है। ठियोग तहसील की ग्राम पंचायत कलींड के गुठाण गांव के देवता डोमेश्वर को लेकर ये मान्यता भी है कि जिस जगह पर देवता जाता है, वहां कभी भी अकाल नहीं पड़ता। मदनलाल वर्मा बताते हैं कि देवता डोम महाराज की जातर की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। उन्होंने बताया कि रियासती समय में जुन्गा स्थित क्योंठल रियासत के राजपरिवार के किसी व्यक्ति पर कोई विपदा आई थी, जिसे डोम देवता महाराज ने दूर किया था तबसे यह परंपरा शुरू हुई और उसके बाद पंरपरा यह बनी कि राजपरिवार में टिक्का का जन्म होने पर जातर आयोजित की जाती थी, लेकिन डोम देवता के कलेंणें अधिक होने से इसे पूरा करना पाना संभव न था। इसके बाद देवता के कारदारों ने जुन्गा के राजा से अनुमति लेकर इस जातर को अब 20 साल बाद करवाने का फैसला लिया। देवता के कारदारों के अनुसार देवता की जातर लोक कल्याण व इलाके की सुख शांति के लिए भी आयोजित की जाती है। डोमेश्वर देवता महाराज जिला शिमला के प्रमुख देवठियों में से एक है, जिसकी लोग बड़ी पूजा करते हैं।
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