पानी साफ करने का इंतजाम किए बिन उत्पादन नहीं कर पाएंगे उद्योग

घग्गर नदी के लिए घातक बने परवाणू-कालाअंब के 133 उद्योगों को आदेश

शिमला –परवाणू तथा काला अंब के 133 उद्योग घग्गर नदी के लिए घातक बन गए हैं। इसके चलते परवाणू के 41 तथा काला अंब की 92 औद्योगिक इकाइयों को एफूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) स्थापित करने पर ही उत्पादन की अनुमति मिलेगी। राज्य सरकार ने यह बड़ा फैसला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के घग्गर नदी के प्रदूषण पर पारित आदेशों की पालना करते हुए लिया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इसके लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने के आदेश जारी किए थे। इस आधार पर सोमवार को मुख्य सचिव बीके अग्रवाल की अध्यक्षता में इस कमेटी ने घग्गर नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है। एक्शन प्लान में कहा गया है कि उत्पादन के बाद दूषित पानी छोड़ रहे उद्योगों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा एफुलेंट ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करवाए जाएंगे। इस व्यवस्था के बाद ही परवाणू तथा काला अंब के उद्योगों को उत्पादन की अनुमति होगी। इसके अलावा आवासीय घरों के सीवेज के लिए पुख्ता प्रबंध कर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। राज्य सरकार 11 जनवरी से सुखना ग्रीन के लिए विशेष अभियान चलाएगी। स्पेशल टास्क फोर्स ने पानी की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए जिला स्तर पर भी टास्क फोर्स गठित कर दी हैं। एक्शन प्लान में कहा गया है कि हर तीन महीने में राज्य सरकार घग्गर नदी के पानी की गुणवत्ता और प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए उठाए गए उपायों की केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड को रिपोर्ट भेजेगी। इसके अलावा आईपीएच तथा पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, ग्राउंड वाटर की सैंपलिंग करेंगे। गौर हो कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर पहली बार स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक शिमला सचिवालय में आयोजित हुई। टास्क फोर्स में मुख्य सचिव को अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण और शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव को सदस्य बनाया गया है। पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सचिव स्पेशल टास्क फोर्स के सदस्य सचिव होंगे।

महीने में दो बार भरे जाएंगे सैंपल

एक्शन प्लान में कहा गया है कि औद्योगिक इकाइयों से छोड़े जा रहे पानी के महीने में दो बार सैंपल भरे जाएंगे। इस नियमित प्रक्रिया में सैंपल फेल होने पर उद्योगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। दूसरी बार सैंपल फेल होने पर स्पेशल टास्क फोर्स बड़ी कार्रवाई के लिए अधिकृत होगी।

पानी की गुणवत्ता सुधारने के होंगे प्रयास

परवाणू तथा काला अंब में आईपीएच विभाग अंडरग्राउंड वाटर के भी सैंपल भरेगा। इसके अलावा वन विभाग तथा हिमुडा भी मारकंडे नदी तथा जट्टू नाला के आसपास पानी को साफ-सुथरा रखने के लिए अभियान जारी रखेगा। हिमुडा को सभी 16 स्पेशल ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड करने के निर्देश दिए गए हैं।

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Courtsey: Divya Himachal
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