शिमला —केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच व राष्ट्रीय फेडरेशनों के आह्वान पर आठ-नौ जनवरी को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल की सफलता के लिए सीटू जिला कमेटी शिमला के तहत कार्यरत होटल, आईजीएमसी, एसटीपी, गुम्मा वाटर सप्लाई, केएनएच, आरट्रेक, विशाल मेगामार्ट, बीसीएस, ताराहाल, ऑकलैंड, हिमालयन इंटरनेशनल, ईसीआई शेलेडे स्कूल, सीपीआरआई अनेक अन्य विभिन्न यूनियनों की संयुक्त बैठक सीटू कार्यालय शिमला में संपन्न हुई। इस बैठक में सभी संगठनों ने प्रस्तावित हड़ताल का समर्थन किया है। इसके साथ ही हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा यूनियन की आम सभा भी की गई। सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा ने शिमला में हुई एनपीएस कर्मचारियों की राज्य स्तरीय बैठक में एनपीएस कर्मचारियों के मुद्दों पर तैयार की गई रणनीति का पुरजोर समर्थन किया है व उनसे आठ और नौ जनवरी को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया है। इस दौरान शिमला जिला के हजारों मजदूर काम बंद रखेंगे व सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे। सीटू द्वारा शिमला, रामपुर व रोहड़ू में विशाल रैलियां की जाएंगी। शिमला में 8 जनवरी को प्रदेश सरकार सचिवालय छोटा शिमला व 9 जनवरी को सब्जी मंडी ग्राउंड पर विशाल जनसभाएं आयोजित की जाएंगी। सीटू ने केंद्र सरकार को चेताया है कि वे मजदूरों व किसानों के खिलाफ काम करना बंद करे अन्यथा मजदूर किसान सड़कों पर जोरदार आंदोलन कर मोदी सरकार को सत्ता से बाहर कर देंगे। सरकार के गलत निर्णयों के कारण देश के लेबर ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार करीब 15 लाख मजदूरों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी परिवर्तन किए जा रहे हैं। पक्के रोजगार के बजाय आउटसोर्स, कॉन्ट्रेक्ट व पार्ट टाइम पर नौकरियां दी जा रही हैं। किसानों की आत्महत्याएं बढ़ी हैं। अमीरों के कर्ज को माफ किया जा रहा है परंतु किसानों के कर्जे माफ नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि मजदूरों का न्यूनतम वेतन 18 हजार किया जाए। आंगनबाड़ी, मिड डे मील व आशा वर्कर्ज को रेगुलर किया जाए। श्रम कानूनों में परिवर्तन रोका जाए। बीएसएनएल, बीमा, बैंक, रक्षा, बिजली, परिवहन सार्वजनिक क्षेत्रों को बेचने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। सब कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल की जाए व मई 2003 के बाद भर्ती कर्मचारियों का शोषण बंद किया जाए। आउटसोर्स व कॉन्ट्रेक्ट पॉलिसी पर रोक लगाई जाए तथा कच्चे रोजगार की जगह पक्का रोजगार दिया जाए। समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए। मनरेगा में दो सौ दिन का रोजगार सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने मांग की कि सभी मनरेगा व निर्माण मजदूरों का श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। बैठक मेें विजेंद्र मेहरा, बाबू राम, रमाकांत मिश्रा, बालक राम, किशोरी ढटवालिया, विनोद बिरसांटा, हिमी देवी, बबलू, विरेंद्र, नोख राम, रीना, कृष्ण, विकास राणा, चुन्नी लाल, दलीप, मदन, सुरेंद्र बिट्टू, वेदराम, हेमलता, सुरेंद्रा औररीता मौजूद रहीं।
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Courtsey: Divya Himachal
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