शिमला—नगर निगम शिमला की सरदारी एक साल बाद बदल जाएगी। वर्तमान महापौर कुसुम सदरेट का कार्यकाल अढ़ाई वर्ष के लिए है और उन्होंने अब तक डेढ़ साल का सफर पूरा कर लिया है। यानी कुल मिलाकर अब कुसुम सदरेट मेयर की कुर्सी पर एक साल ही बैठक पाएंगी। नगर निगम एक्ट के मुताबिक पांच साल के कार्यकाल में महापौर का कार्यकाल अढ़ाई-अढ़ाई साल के लिए है। पहले अढ़ाई साल के लिए इस बार एससी महिला के लिए आरक्षित है और इस पद पर वर्तमान में कुसुम सदरेट हैं। बताया गया कि महापौर कुसुम सदरेट का कार्यकाल इस साल के दिसंबर महीने तक है। उसके बाद सामान्य वर्ग ओपन पार्षद को महापौर की कुर्सी मिलेगी। हालांकि नगर निगम शिमला में भाजपा समर्थकों का बहुमत है, लेकिन आने वाले दिनों में महापौर की कुर्सी के लिए पार्टी स्तर पर भी जंग शुरू हो सकती है। नगर निगम शिमला में 34 वार्ड में, जिसमें से भाजपा के पास 22, कांग्रेस 11 और एक सीट माकपा समर्थक हैं। वर्तमान में सांगटी वार्ड से पूर्व पार्षद मीरा शर्मा के इस्तीफा देने के बाद इस सीट के लिए उप चुनाव हो रहे हैं। हालांकि इसी वार्ड से मीरा शर्मा फिरे चुनावी मैदान में उतरी हैं, जो इस बार भाजपा से चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा को यह सीट हारने से कोई नुकसान नहीं होने वाला है और कांग्रेस को यह सीट जीतने से कोई लाभ मिलने वाला नहीं हैं। पहले ही नगर निगम में भाजपा को बहुमत मिल चुका है। अब एक साल बाद महौपार की कुर्सी किसी अन्य पार्षद को मिलेगी। नगर निगम में उप महापौर राकेश शर्मा महापौर की कुर्सी के लिए पहले ही लाइन में हैं। ऐसे में राकेश शर्मा की निगाहें अब महापौर की कुर्सी पर दौड़ रही हैं। हालांकि अभी पूरा एक साल का समय है, लेकिन पार्टी स्तर पर फैसले के बाद ही मेयर की कुर्सी का फैसला होना है।
कुसुम की राह में भाजपा पार्षद ही रोड़ा
महापौर कुसुम सदरेट के डेढ़ साल के कार्यकाल में भाजपा पार्षद ही कांटे बन कर खड़े हुए। कारण यह था कि पिछले साल मई महीने में शिमला में पेयजल संकट हुआ और महापौर चीन दौरे पर चली गईं थीं। पेयजल संकट को ट्रैक पर लाने के लिए प्रदेश सरकार ने हर संभव कोशिश की थी। बावजूद इसके पेयजल संकट के दौरान चीन से दौरा रद्द कर समय पर वापस शिमला नहीं लौटीं। यहां तक कि भाजपा पार्षदों ने कुसुम सदरेट को पद से हटाने के लिए भी लॉबिंग शुरू कर दी थी। पार्टी स्तर पर एकजुटता का पाठ पढ़ाए जाने से मामला शांत हुआ।
सांगटी वार्ड में मीरा-शिल्पा-रंजना में से कौन
नगर निगम के सांगटी वार्ड में होने वाले उप चुनाव में इस बार मीरा शर्मा, शिल्पा और रंजना वर्मा में से किसी एक को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। पूर्व पार्षद मीरा शर्मा फिर से चुनावी मैदान में उतरी हैं। वह भी सत्ताधारी पार्टी से। इसी सीट पर मीरा शर्मा नगर निगम के आम चुनाव में कांग्रेस से जीती थीं। बाद में निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया। वहीं, माकपा की रंजना वर्मा दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं। पिछले साल हुए चुनाव में रंजना वर्मा तीसरे स्थान पर रही थीं।
प्रत्याशियों को आज मिलेगा चुनाव चिन्ह
सांगटी वार्ड उप चुनाव के लिए दो जनवरी यानी बुधवार को प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह दिए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी शेड्यूल के मुताबिक प्रत्याशियों सहित मतदाता सूची भी प्रकाशित होगी। मतदान 12 जनवरी को प्रातः 8 से सायं 4 बजे तक होगा और इसी दिन मतदान के उपरांत मतों की गणना की जाएगी। इसके तुरंत बाद परिणाम घोषित किया जाएगा। चुनावी प्रक्रिया 14 जनवरी को पूरी कर ली जाएगी।
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Courtsey: Divya Himachal
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