सैलानियों को मिला तोहफा, कुफरी, फागू, ठियोग के आसपास के इलाकों में बर्फबारी में जश्न
ठियोग —जिला के ऊपरी क्षेत्रोें में हुई बारिश बर्फबारी के बाद रविवार दोपहर बाद सबसे अधिक असर यातायात पर देखने को मिला। इस कारण राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 के अलावा ठियोग हाटकोटी सड़क भी वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से ठप हो गया। जबकि इसके अलावा सैंज चौपाल मार्ग भी रविवार दोपहर बाद यातायात के लिए बंद था। इस कारण एक बजे के बाद बसों की आवाजाही रामपुर किन्नौर के लिए वाया बसंतपुर की गई। कुफरी छराबड़ा में दोपहर बाद कई वाहन सड़क में भी फंसे हुए थे जबकि फिसलन के कारण कई वाहन एक दूसरे से भी टकराए। इसके अलावा कई महीने से सूखे की मार झेल रहे किसानों बागबानों के लिए नमी पड़ने पर मुरझाए चेहरे पर रौनक लौट आई है। ठियोग के आसपास के इलाकों में हुई बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश के चलते सबसे ज्यादा राहत की सांस किसानों व बागबानों ने ली है। जो पिछले कई महिनों से सूखे की मार झेल रहे थे। ठियोग के फागू, कुफरी, छराबड़ा, मतियाना, नारकंडा सहित कई अन्य इलाकों में हुई बर्फबारी के बाद रविवार सुबह के समय वाहनों की आवाजाही पर खासा असर देखने को मिला और बर्फ में फिसलन के कारण शाम के बाद बसों की आवाजाही भी कम ही दिखाई दी। इस दौरान सबसे ज्यादा बर्फबारी स्नो सिटी नारकंडा कुफरी, फागू के आसपास हुई है जहां पर वाहनों को निकालने में परेशानी का सामना करना पड़ा है। जबकि इसके अलावा ठियोग में भी रविवार को मौसम में आए बदलाव के बाद कई रूटों पर बसों की आवाजाही नहीं हो पाई है। बर्फबारी के चलते रविवार को ऊपरी शिमला के कुफरी, नारकंडा खड़ा पत्थर चौपाल के खिड़की आदि में बर्फ गिरी है। बारिश व बर्फबारी के चलते पिछले तीन चार महीने से सूखे की मार झेल रहे किसानों-बागवानों ने आखिरकार राहत की सांस ली है। बारिश से खेतों व बागीचों में नमी हुई है। ऊपरी शिमला के ठियोग सहित आसपास के इलाकों में हल्की बर्फबारी व बारिश से खासतौर से सैलानियों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है। कुफरी, छराबड़ा नारकंडा आदि में बर्फबारी के कारण लोगों में भी खुशी का माहौल नजर आ रहा है। पिछले काफी समय से बारिश न होने के कारण सूखे की स्थिति पैदा हो गई थी जिससे कि जिला के ऊपरी क्षेत्रों में बागवानी तथा कृषि के अधिकतर कार्य ठप्प पड़े हुए हैं। बारिश के कारण जहां ठंड भी बढ़ गई है वहीं धूल मिटटी से लोगों को राहत मिलेगी। कुफरी, नारकंडा आदि में बर्फ गिरने से कम से कम पर्यटकों के मनोरंजन के लिए यह खुशी देने वाला माहौल था। ग्रामीण क्षेत्रों में यहां तक कि जल स्त्रोत भी सूखने के कगार पर आ गए हैं। जिससे कि पानी का संकट भी गहराने लगा है। विभाग की जो पेयजल योजनाएं हैं वो पूरी तरह से काम नहीं कर रही है समय पर पानी की सप्लाई न मिलने के कारण लोगों को प्राकृतिक जल स्त्रोतों बावडि़यों आदि से गुजारा करना पड़ रहा है। बहरहाल जो भी हो बर्फबारी और बारिश से किसानों बागवानों में खुशी का माहौल है।
कुफरी, छराबड़ा, नारकंडा में उमड़े पर्यटक
क्षेत्र के पर्यटक स्थलों में बर्फ गिरने से जश्न में डूबे पर्यटकों को बर्फबारी व बारिश का तोहफा भी मिला है। जिससे पर्यटक भी खुशी के माहौल में नजर आ रहे है। बर्फ गिरने के जश्न को लेकर इन क्षेत्रों में होटल आदि भी फुल नजर आ रहे हैं और बर्फबारी के बाद अब ऐसे में यहां कुछ हद तक पर्यटकों की संख्यां में इजाफा होगा। बर्फबारी के बाद क्षेत्र में पर्यटकों की और संख्या बढ़ने की उम्मीदे ंलगाई जा रही है।
सेब के बागीचों के लिए वरदान साबित होगी बर्फ
क्षेत्र में हुई बर्फबारी व बारिश से पिछले तीन चार महिनों से सूखे की मार झेल रहे किसानों बागबानों को राहत मिली है। इन दिनों ऊपरी क्षेत्रों में से की प्रोनिंग के अलावा चूना नीला आदि लगाने का कार्य चल रहा है। जिससे कि बागबान अब बागीचों में खाद गोबर तोलिए आदि भी कर पाएंगे। बागीचों में लगने वाली बिमारियांे पर भी कुछ हद इससे रोक लगेगी। ठंड के कारण कुछेक कीड़े खुद ही मर जाते है। बागबानी विशेषज्ञ भी पिछले काफी समय से सूखे में खाद गोबर तोलिए न करने की सलाह दे रहे थे लेकिन इसके बाद बागबानों को इससे राहत मिली है।
कुफरी, छराबड़ा में फिसलन के कारण कई गाडि़यां टकराई
कुफरी, छराबड़ा आदि पर्यटक स्थलों में बर्फ गिरने से रविवार शाम के समय फिसलन के कारण कई गाडि़यां भी टकराई। जिससे कि कई जगह जाम की भी स्थिति इन क्षेत्रों में बनी हुई थी। यहां सैलानियों की भी काफी संख्या देखने को मिली।
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Courtsey: Divya Himachal
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