बीमारी का इलाज नहीं कर्ज माफी

शांता कुमार बोले, किसानों को नकद आय देना सही फैसला

पालमपुर – पूर्व केंद्रीय खाद्य मंत्री व वर्तमान लोकसभा सदस्य शांता कुमार ने केंद्र द्वारा देश के किसानों को नकद आय देने के निर्णय पर विचार करने को सराहनीय कदम बताया है। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी बीमारी का उचित इलाज नहीं है, बल्कि यह भविष्य में गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है। इससे देश की आर्थिकी को गहरा धक्का लगता है। किसानों को राहत प्रदान करने के लिए कर्ज माफी का प्रयोग पहले ही देश में किया गया है, लेकिन किसानों की अर्थव्यवस्था में कोई अंतर नहीं आया और किसानों की आत्महत्या का सिलसिला जारी है। शांता कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद ही किसानों की भलाई के लिए कार्य करना शुरू किया था। वर्ष 2014 में  खाद्य निगम के नवीनीकरण हेतु गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति द्वारा भी किसानों को नकद आय सहायता देने का सुझाव दिया गया था। शांता कुमार की अध्यक्षता में गठित समिति ने किसानों की समस्याओं पर विचार-विमर्श किया था। समिति का विचार था कि खेतों का व्यवसाय न लाभप्रद है और न ही आकर्षक और न ही उसमें समाजिक स्तर है। खेत पर वही कार्य करते हैं, जिन्हें कहीं और काम नहीं मिलता, परंतु कृषि के बिना जीवन भी असंभव है, इसलिए विश्व के अधिकतर देशों में सरकारें किसानों को सीधे सहायता प्रदान करती है। समिति का विचार था कि प्रतिवर्ष प्रति एकड़ के हिसाब से नकद आय ही किसानों की समस्या का समुचित निदान है। तेलंगाना सरकार ने किसानों को 4000 रुपए प्रति फसल नकद आय सहायता देकर अभिनव प्रयोग किया है। किसानों के लिए फसल बीमा योजना व अन्य योजनाओं का भी समय-समय पर मूल्यांकन किया जाना चाहिए, ताकि उन्हें योजनाओं का भरपूर लाभ मिल सके।

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Courtsey: Divya Himachal
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