सेब की टहनियां जलाने से हवा जहरीली

ठियोग -सेब के बागीचों में स्कैब व बाकी संक्रामक रोगों से बचने के लिए बागीचों में इन दिनों जलाई जा रही पौधों की पत्तियों व टहनियों के जलने से उठने वाले धुंए से पूरा क्षेत्र इसकी चपेट में आ गया है। सेब के बागीचों से उठने वाले सफेद धुंए की चादर जहां गांव में हर जगह फैल रही है वहीं दूसरी ओर ठियोग कस्बे के साथ इलाकों से उठने वाला धुंआ सीधे शहर में पहुंच रहा है। जिसके चलते क्षेत्रीय पर्यावरण का तापमान भी प्रभावित हो रहा है। इस प्रदूषित व खतरनाक धुएं के कारण बीमारियों के पनपने की संभावना बढ़ जाती है। जबकि इसके अलावा इन दिनों सेब के पौधों के लिए तापमान में गिरावट का होना बेहद आवश्यक है जिससे कि सेब की चिलिंग रिक्वायरमैंट पूरी हो सके लेकिन सेब के पत्तों व टहनियों के व्यापक स्तर पर जलाए जाने से क्षेत्रीय पर्यावरण में फैल रहे प्रदूषित धुएं के कारण लोगों को कई तरह की बीमारियों के पनपने की संभावना पैदा हो गई है। बागवानी विशेषज्ञ की माने तो ठियोग उद्यान प्रसार अधिकारी अनिल चौहान बताते हैं कि सेब की पत्तियों व टहनियां जलाने के बजाए बेहतरीन जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इनका कहना है कि बागवान बागीचे में टहनियों को पतले हिस्सों में काटकर सेब की पत्तियों के अलावा घास व गोबर के साथ मिलाकर इसे दबाया जा सकता है और करीब एक साल के भीतर अच्छी गुणवता वाली जैविक खाद को तैयार किया जा सकता है। जिसका इस्तेमाल बागवान सेब के पौधों में कर सकते हैं या फिर सब्जियों के भी इस्तेमाल में लाई जा सकती है। सर्दियांे का मौसम आते ही बागवान सेब के बागीचों में खरपतवार को खत्म करने के लिए झाडि़यां आदि जलाने में लग जाते हैं और इसे जलाने लग जाते हैं लेकिन इस बात का किसी भी ख्याल नहीं कि इससे निकलने वाली खतरनाक गैस व प्रदूषित धंुए से पर्यावरण को कितना नुकसान उठाना पड़ रहा है। दूसरी ओर एक समस्या और भी ये है कि बागीचों को इन पत्तियों व टहनियों को जलाते समय सेब को यदि इसकी आंच लग जाए तो टहनी सूखने का खतरा पैदा हो जाता है लेकिन इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा। बताया ये जाता है कि ये पत्तियां यदि खुले में रह जाए तो इससे स्कैब जैसी खतरनाक बीमारी के पनपने की संभावना होती है जिस कारण बागबान इसे जला देते हैं। जिसके लिए बागबानी विशेषज्ञ के अनुसार इसे जलाने के बजाने इसकी खाद तैयार करके बागबानांे अपने बागीचों में इसका इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन जो भी हो सेब के पौधों की पत्तियों व अवांछित टहनीय को जलाने से वायु प्रदूषण हो रहा है जोकि बेहद खतरनाक है।

 

The post सेब की टहनियां जलाने से हवा जहरीली appeared first on Divya Himachal: No. 1 in Himachal news - News - Hindi news - Himachal news - latest Himachal news.



Courtsey: Divya Himachal
Read full story> http://www.divyahimachal.com

Post a Comment

Latest
Total Pageviews