कैदियों के विकास-जेल सुधारों के लिए हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच ने सम्मानित किए
शिमला – आईपीएस अफसर एवं डीजी जेल सोमेश गोयल को हिमालय आजीवन अवार्ड-2018 से नवाजा गया है। रविवार को हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच द्वारा आयोजित सम्मेलन के दौरान सोमेश गोयल को यह सम्मान दिया गया। यह सम्मान उन्हें मुख्य अतिथि एवं नागालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्विनी कुमार के हाथों मिला। बताया गया कि सोमेश गोयल पुलिस प्रशासन के शीर्षस्थ पदों पर रहते हुए अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए जाने जाते हैं। विशेष तौर पर महानिदेशक जेल के पद पर रहते हुए जेल सुधारों एवं बंदियों को उनकी योग्यता अनुरूप हर हाथ को काम देकर उनके जीवन को परिवर्तन देने के क्षेत्र में उनकी बड़ी भूमिका रही है। वह एक पुलिस अफसर होने के साथ-साथ लेखन और फोटोग्राफी में भी नाम कमा चुके हैं। इस अवसर पर लेखकों को सुधार गृह में चल रहे रोजगार मूलक उद्यमों और प्रदर्शनी का भ्रमण भी करवाया गया। सम्मान समारोह में हिमालय मंच द्वारा कंडा जेल के कैदियों के साथ शिमला और अन्य स्थानों से पधारे कवियों के साथ कविता पाठ का आयोजन किया गया। इस कवि गोष्ठी में बंदियों में से चेतन, ओम प्रकाश, किशोरी लाल, सुभाष और रमेश सहित पुलिस कर्मी उषा कुमारी ने भी कविताएं प्रस्तुत कीं। पुलिस कर्मी जितेंद्र ने राजस्थानी और पहाड़ी लोक गीत प्रस्तुत कर खूब वाहवाही बटोरी। इस आयोजन में प्रो. मीनाक्षी पॉल विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहीं। संगोष्ठी में शामिल अन्य कवियों में डा. हेमराज कौशिक, डा. विद्या निधि, आत्मा रंजन, रोशन जसवाल, गुप्तेश्वर नाथ उपाध्याय, कुलदीप गर्ग, तरुण, नरेश देयोग, डा.. अनुराग विजयवर्गीय, कल्पना गांगटा, उमा ठाकुर, अंजलि दीवा, डा. मधु शर्मा, अश्वनी कुमार, सुमन, धनंजय, वंदना राणा, सुनीला शर्मा, शांति स्वरूप शर्मा, जगदीश बाली और देशराज भी शामिल हुए। मंच का संचालन आत्मा रंजन द्वारा किया गया।
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Courtsey: Divya Himachal
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